पिथोरागढ़ : आगामी जून माह से आरम्भ होने वाली परम्परागत कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर यात्रियों के बारे में जानकारी देने के लिए पुलिस की ओर से कुछ स्थानों पर वायरलेस सेट लगाए जाएंगे, जबकि आईटीबीपी की सातवीं वाहिनी गुंजी और तकलाकोट के बीच अपना वैकल्पिक संचार सिस्टम विकसित करेगी. तिब्बत सीमा के लम्बे पैदल ट्रेक पर कोई मोबाइल टावर नहीं हैं. यात्रियों को इससे परेशानी होती ही है, सुरक्षा में कर्मियों को भी ब्यवस्था बनाने में दिक्कतें पेश आती हैं
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर किसी भी कंपनी की मोबाइल सेवा नहीं है. ऐसे में पुलिस की ओर से सिर्खा, गाला, बूंदी, गुंजी, नाभीढांग में वायरलेस सेट लगाए जाएंगे. इनके जरिए सूचनाएं एकत्र की जाएंगी. इधर, आईटीबीपी पिछली बार की तरह ही इस बार भी गुंजी और तकलाकोट के बीच वायरलेस से संचार सुविधा कायम करेगा. यात्रियों के तिब्बत में प्रवेश करते ही यह सिस्टम चालू हो जाएगा.
उसका नियंत्रण कक्ष आईटीबीपी सातवीं वाहिनी मुख्यालय मिर्थी में बनाया जाएगा. नियंत्रण कक्ष में रोजाना तीन बार यात्रियों के बारे में अपडेट मिलता रहेगा. आईटीबीपी के सेनानी महेंद्र प्रताप ने बताया कि प्रथम यात्री दल के जाते ही नियंत्रण कक्ष काम करने लगेगा. उन्होंने कहा कि कैलाश परिक्रमा के दौरान भी यात्रियों के बारे में सारी जानकारी हासिल की जाएगी.
बैठक में संचार का मुद्दा भी रहेगा
जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में 18 अप्रैल को होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी बैठक में संचार सेवा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठेगा. सूचनाएं एकत्र करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी। बैठक में आईटीबीपी, केएमवीएन के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
गृह मंत्रालय से संचार सेवा के बारे में बात की
सांसद अजय टम्टा का कहना है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर संचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात की गई है. नेपाल और तिब्बत का बार्डर होने के कारण इस इलाके में संचार सेवाएं शुरू करने से पहले सभी पहलुओं पर गंभीरता से मंथन किया जाएगा.