कोरोना से जंग : विद्या भारती के विद्यालयों-शिशु मंदिरों, विद्यामन्दिरों में बनेंगे आइसोलेशन वार्ड

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नई दिल्ली (vsk bharat) : कोरोना के खिलाफ जंग में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने भी पहल की है. विद्या भरती देश का सबसे बड़ा गैर सरकारी शिक्षण संस्था है. विद्या भारती ने विभिन्न राज्य सरकारों को पत्र लिख आवश्यकता अनुसार विद्यालय भवनों को उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है.

मध्यप्रदेश में स्थानीय समिति द्वारा सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा था, इस पर सरकार व प्रशासन की ओर से भी स्वीकृति मिल गई है. जिस पर अब कार्य शुरू हो गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर, गुना, भोपाल व हरदा में स्थित 80 विद्यालयों के भवनों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएंगे. जिससे इन विद्यालय परिसरों का उपयोग राहत कैंप और आइसोलेशन वार्ड के रूप में हो सकेगा.

इसी कड़ी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लखनऊ के निराला नगर में ‘दत्तोपंत ठेंगड़ी अंत्योदय आइसोलेशन सेंटर’ बनाया गया है. यहां कोरोना संदिग्ध रोगियों के लिए 15 बिस्तरों का चिकित्सालय स्थापित किया गया है. इसके फलस्वरूप स्थानीय अस्पताल पर कोरोना मरीजों का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.

पंजाब प्रांत की समिति ने भी प्रशासन को स्कूल भवनों की उपलब्धता की जानकारी दी है. विद्यालय परिसर का कारोना वायरस के खिलाफ जंग में इस्तेमाल किया जा सके. इसके अलावा विद्या भारती से संबद्ध शिशु शिक्षा समिति असम ने भी कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन को सहयोग करने के लिए तैयार है. जिससे जरुरत पड़ने पर समिति के विद्यालय भवनों को आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए प्रशासन इस्तेमाल कर सके.

विद्या भारती के शिक्षण संस्थानों की इस पहल को कोराना के खिलाफ एक बड़ी पहल के तौर पर देखा जा रहा है. ज्ञात रहे कि देश भर में कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों और संभावित लोगों को 14 दिन का एकांतवास में रखा जाता है. जिससे की प्रभावित व्यक्ति से वायरस का संक्रमण किसी अन्य व्यक्ति को न हो और उसे अलग रखकर चिकित्सीय मदद मिल सके.

प्रारंभिक चरण में पंजाब प्रांत में प्रशासन को पत्र भेज स्कूल भवनों की उपलब्धता का प्रस्ताव रखा है. कोरोना के खिलाफ जंग में विद्या भारती सरकार व समाज के साथ हैं. प्रशासन से जैसी भी मांग आएगी, सहयोग किया जाएगा. – विजय नड्डा, उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री, विद्या भारती

ग्वालियर, गुना, भोपाल और हरदा के 80 विद्यालय परिसरों को प्रशासन के सुपुर्द करने का निर्णय लिया गया है, जिससे प्रशासन वहां कोरोना वायरस से संबंधित आइसोलेशन वार्ड और सेवा कार्यो के लिए राहत कैंप स्थापित कर सके –हितानंद शर्मा, संगठन मंत्री, मध्य भारत प्रांत

कोरोना महामारी के विरुद्ध विद्यालय भवनों को देने के अलावा हम दूसरे तरीके से भी प्रशासन को सहायता करने के लिए तत्पर हैं. अभी विद्यालय बन्द चल रहे हैं, इसलिए विद्यालय भवनों का इससे अच्छा उपयोग और किसी दूसरे कार्य के लिए नहीं हो सकता. अतः प्रशासन को मदद करने के लिए हमने यह फैसला लिया है.– कुलेन्द्र कुमार भगवती, महामंत्री, शिशु शिक्षा समिति असम

कोरोना को रोकने के लिए विद्यालय समितियां प्रशासन को सहयोग करने के लिए तैयार हैं. जरुरत पड़ने पर विद्यालयों को आइसोलेसन सेंटर बनाने के लिए प्रशासन को देगी. इन्हें राहत शिविर कार्य के लिए भी उपयोग कर सकते है. सरकार रेल और बसों को आइसोलेशन वार्ड बना रही है, जिसमें काफी पैसे खर्च हो रहे हैं. जबकि हमारे विद्यालयों को काफी कम खर्च में आइसोलेशन वार्ड व सेवा केंद्रों में तब्दील किया जा सकता है.– हेमन्त धिंग मजुमदार, संगठन मंत्री, शिशु शिक्षा समिति असम

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