उत्तरप्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून पर कसरत शुरू कर दी है। राज्य का विधि विभाग उत्तरप्रदेश के जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर हाल ही में लाए गए मसौदे का अध्ययन कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इसके संकेत दिए हैं कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून के मुद्दे पर होम वर्क कर रही है।
मुख्यमंत्री ने जनसंख्या कानून बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने की बात भी कही थी। हालांकि अभी तक कोई कमेटी अस्तित्व में नहीं आई है। लेकिन सरकार के स्तर पर होमवर्क शुरू हो गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य के विधि विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है। विधि अधिकारी उत्तर प्रदेश विधि आयोग द्वारा तैयार किए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट का अध्ययन कर रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री आनंद बर्द्धन के मुताबिक, अभी जनसंख्या कानून के संबंध में कोई कमेटी नहीं बनी है। विधि विभाग के स्तर पर यूपी के ड्राफ्ट का अध्ययन कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उधर, आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गृह विभाग की ओर से ही यूपी का जनसंख्या नियंत्रण का मसौदा विधि विभाग को अध्ययन के भेजा गया है। विधि विभाग को उत्तराखंड की हालात की कसौटी पर ड्राफ्ट को परखने के लिए कहा गया है।
ये है यूपी के ड्राफ्ट में ये हैं प्रमुख सिफारिश
– दो बच्चों के परिवार की नीति का पालन न करने वाले परिवार प्रदेश में जिला पंचायत व स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित हों।
– दो से अधिक बच्चों वाले परिवार को प्रदेश सरकार की कसिी भी सब्सिडी योजना का लाभ न दिया जाए ।
हमने पहले भी कहा है कि उत्तराखंड राज्य के हित में जो कानून होंगे, उन पर काम किया जाएगा। राज्य में जनसंख्या घनत्व बढ़ने की बात आ रही है। पर्यावरण से संबंधित बातें भी सामने आ रही हैं। इन सभी पर हम अलग से होम वर्क कर रहे हैं। जैसे ही पूरा हो जाएगा, हम आपको बता देंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड सरकार