उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए जल्द ही गाइडेंस एप बनाया जाएगा। इस एप के जरिये पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर ठहरने, खाने, आसपास के घूमने की जगह, मौसम, सहायता के लिए पुलिस, हेल्पलाइन समेत हर तरह की जानकारी आसानी से मिलेगी। इसके अलावा पर्यटन उद्योगों के लिए लैंड बैंक तैयार करने को पर्यटन विभाग में एक अलग से प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। सोमवार को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटकों की सुविधा के लिए एक गाइडेंस एप तैयार किया जाए। इस एप को यूजर फ्रेंडली होना चाहिए। पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्यमियों को आसानी से भूमि उपलब्ध कराने के लिए लैंड बैंक बनाया जाएगा। इसके लिए विभाग में एक अलग से प्रकोष्ठ बनाया जाए। इस सेल का कार्य प्रदेश भर में लैंडबैंक चिन्हित करना हो। इससे पर्यटन से जुड़े उद्योगों को स्थापित करने में भी काफी आसानी होगी।
मुख्य सचिव ने एडवेंचर टूरिज्म के तहत बंजी जंपिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों को करने के लिए समय सीमा सुनिश्चित की जाए। बंजी जंपिंग व पैराग्लाइडिंग के लिए नई जगह की तलाश करने के लिए अध्ययन कराया जाए। उन्होंने देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। पर्यटन क्षेत्र में एक ऐसा सिस्टम भी तैयार किया जाए कि उत्तराखंड में प्रवेश करते ही वेलकम टू उत्तराखंड का संदेश मिले।
मुख्य सचिव ने पर्वतारोहण के लिए ट्रेकिंग डिवाइस को अनिवार्य किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे लापता ट्रेकरों को ढूंढने के आसानी होगी। साथ ही माउंटेयरिंग और ट्रेकिंग का शुल्क को भी कम किया जाए। साहसिक पर्यटन गतिविधियों से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि मसूरी व नैनीताल में पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है। जिससे राज्य में नए पर्यटक स्थल विकसित किए जाएं। प्रदेश के होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग देना जरूरी है। इसके लिए होटल रेस्टोरेंट से जुड़े कर्मियों को 2 से 3 मिनट की वीडियो के माध्यम से अलग-अलग प्रकार की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाए। बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत आदि मौजूद थे।
हवाई सेवाएं बढ़ाने को हेलीपैड करे विकसित
मुख्य सचिव ने नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के लोगों और पर्यटकों को कम से कम किराए पर हवाई सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएं। इसके लिए अधिक से अधिक गंतव्यों को चिन्हित कर विकसित किया जाए। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हेलीपैड विकसित किए जाएं। जिसमें परिवहन, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जाए जो भले ही पर्यटन की दृष्टि से उपयोगी न हों, लेकिन आपदा व आपातकाल में चिकित्सा सुविधा के लिहाज से उपयोगी हो।