युवा वोटरों को साधने के लिए रोजगार गारंटी का दांव, इस बार छाया रहेगा यह मुद्दा

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प्रदेश में युवा मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। इसलिए राजनीतिक दल युवाओं को साधने की कोशिश में जुटे हैं। भाजपा-कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र में युवाओं के मद्देनजर कई घोषणाएं करने जा रही हैं। रोजगार इसके केंद्र में है तो बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की बात भी हो रही है। कोशिश यही है अधिक से अधिक युवाओं को अपनी तरफ खींचा जाए।

राज्य में वर्तमान में 18 से 40 वर्ष के बीच के युवाओं की अनुमानित संख्या 38 लाख 31 हजार 394 है। इस लिहाज से यह कुल मतदाता का 48.42 प्रतिशत बैठती है। हालांकि निर्वाचन विभाग की ओर से अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन पांच जनवरी को किया जाएगा। एक नवंबर तक मतदाताओं की संख्या 78 लाख 46 हजार पहुंच गई थी। इनमें 40 लाख 87 हजार 18 पुरुष और 37 लाख 58 हजार 730 महिलाएं हैं। अन्य श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 251 है।

वर्ष 2022 में अनुमानित युवा मतदाता
आयुसीमा   – मतदाता
18-19  –  46765
20-29   – 1590828
30-39   – 2193801
कुल योग –   3831394

प्रदेश के 38 लाख से अधिक युवा मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा रणनीतिक तरीके से काम कर रही है। पार्टी ने इस अभियान पर भारतीय जनता युवा मोर्चा को उतारा है। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे के जरिये युवाओं के बीच जाकर भाजयुमो कार्यकर्ता पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। इस पूरे अभियान में पार्टी ने डिजिटल योद्धा अभियान शुरू किया है और अब जल्द सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में वह युवा सम्मेलनों के जरिये युवाओं को अपने पक्ष लाने की कोशिश करती दिखेगी।

ज्यादा से ज्यादा युवाओं को भाजपा के साथ जोड़ने के इस अभियान के बारे में भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी कहती हैं, हम रणनीतिक तरीके से काम कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शहरों व कस्बों में चाय पर चर्चा व अन्य गतिविधियों के जरिये युवाओं से संवाद स्थापित किए जा रहे हैं। पार्टी ने हाल ही देवभूमि के डिजिटल योद्धा अभियान छेड़ा है, जिससे अब तक पांच हजार युवाओं ने अपना पंजीकरण करा दिया है। यह संख्या निरंतर बढ़ रही है।

 

चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि हम सत्ता में आने पर हर साल दस प्रतिशत नए पद सृजित करेंगे। स्वरोजगार को बढ़ावा देंगे। जिनको रोजगार नहीं दे पाए, उनको बेरोजगारी भत्ता देंगे। सरकार में कैबिनेट के भीतर एक चेक प्वाइंट बनाएंगे, जो कैबिनेट के सामने आने वाले प्रत्येक वित्तीय प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि दस करोड़ या इससे अधिक के वित्तीय प्रस्ताव में कितने नए रोजगार सृजित हो रहे हैं।

 

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