अंध विश्वासों के चलते दीपावली पर तांत्रिक उल्लू के अंगों से साधना करते हैं। ऐसे में राजाजी टाइगर रिजर्व में बड़ी संख्या में उल्लू के शिकारी सक्रिय हो जाते हैं। इसके लिए टाइगर रिजर्व के सभी 10 रेंजों में गश्त बढ़ा दी गई है। इस बार संवेेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे से शिकारियों की निगरानी की जा रही है।
टाइगर रिजर्व बेशक डीके सिंह ने बताया कि चीला, मोतीचूर समेत सभी रेंज में शिकारियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। शिकारियों को समय रहते धर दबोचा जा सके इसके लिए टाइगर रिजर्व के आसपास के गांव के ग्रामीणों की भी मदद दी जा रही है। उन शिकारियों पर भी पैनी नजर रख रही है जो पूर्व में वन्यजीवों के शिकार या फिर उल्लुओं के शिकार के मामले में पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
देहरादून वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान ने बताया कि अधिकारियों की अगुवाई में टीमें थानो, झाझरा, आशारोड़ी, समेत तमाम इलाकों के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं और यदि कोई भी शिकारी उन लोगों का शिकार करता पाया गया तो उसे तत्काल मौके पर ही धर दबोचा जाएगा। साथ ही वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। दूसरी ओर राजधानी में उन कारोबारियों पर भी नजर है जो पक्षियों का कारोबार करते हैं।