संघ शिक्षा का इस विशेष वर्ग में सम्पूर्ण देश से 40 से 65 वर्ष की आयु के चयनित शिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं. इस वर्ष विभिन्न प्रांतों से कुल 852 शिक्षार्थी आए हैं.
नागपुर (विसके) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी. भागय्या जी ने कहा कि संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष (विशेष) राष्ट्रीय एकात्मता की प्रत्यक्ष अनुभूति का केंद्र है. ‘हम सब एक हैं’ का अनुभव यहां होता है और यह अनुभव हम सबको लेना चाहिए. रेशिमबाग, नागपुर स्थित स्मृति मंदिर परिसर के महर्षि व्यास सभागृह में संघ शिक्षा वर्ग (विशेष) के उद्घाटन सत्र में शिक्षार्थियों को संबोधित कर रहे थे.
संघ शिक्षा वर्ग में देश के विभिन्न प्रांतों से आए शिक्षार्थियों का स्वागत कर उन्होंने कहा कि इस वर्ग में सम्मिलित होने की हम सबकी कई वर्षों से प्रतीक्षा रहती है. इस विशेष वर्ग में आए हम सब अनुभवी कार्यकर्ता हैं. अपने शास्त्रों में बताए गए – धैर्य, क्षमा, संयम, अस्तेय, शौच, इंद्रिय निग्रह, बुद्धि, विद्या, सत्य एवं क्रोध पर विजय जैसे सद्गुणों की उपासना न केवल इस वर्ग में करनी है, अपितु आजीवन यह सद्गुण अपने जीवन में हो, इसके लिए प्रयासरत रहना है.
उन्होंने कहा कि अपने ध्येय के प्रति अटूट निष्ठा, विचारधारा की स्पष्टता, आत्मीयता, कठोर परिश्रम, एवं अनुशासन, यह संघ स्वयंसेवकों के विशेष गुण हैं. अपने आचरण द्वारा इन गुणों का प्रकटीकरण इस वर्ग में होना चाहिए. सभी शारीरिक कार्यक्रमों में हमको भाग लेना चाहिए. विशेष रुप से योग और आसन में हमें प्रवीण बनना चाहिए. संघ की विविध गतिविधियों के बारे में मन में स्पष्टता होनी चाहिए. यह वर्ग हमारी एक साधना है. इस 25 दिन की साधना में हम पूरे मन से सम्मिलित हों, ऐसा आह्वान किया तथा वर्ग को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं.
इस विशेष वर्ग में सम्पूर्ण देश से 40 से 65 वर्ष की आयु के चयनित शिक्षार्थी सम्मिलित हुए हैं. इस वर्ष विभिन्न प्रांतों से कुल 852 शिक्षार्थी आए हैं. वर्ग के सर्वाधिकारी गोविन्द जी शर्मा (अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत) हैं. वर्ग के कार्यवाह सुभाष जी आहुजा (प्रान्त कार्यवाह, हरियाणा) हैं. वर्ग के पालक अधिकारी राजेंद्र कुमार जी (अ. भा. सह प्रमुख, धर्म जागरण समन्वय विभाग) हैं. कार्यक्रम में मुकुंद जी (सह सरकार्यवाह), सुनील जी कुलकर्णी (अ.भा. शारीरिक प्रमुख), स्वांत रंजन जी (अ.भा. बौद्धिक प्रमुख), सुनील भाई मेहता (अ. भा. सह बौद्धिक प्रमुख), मंगेश जी भेंडे (अ.भा. व्यवस्था प्रमुख) उपस्थित थे.