कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी जीत
- इलाके में करीब 1700-1800 चीनी सैनिक थे, सभी वहां से चले गए हैं
- बुलडोजर ले जाए गए हैं, तंबुओं को हटा लिया गया है और (चीनी) झंडे को भी हटा लिया गया है
नई दिल्ली(एजेंसीज): अंत: लम्बी जद्दोजहद के बाद भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद सुलझ गया है। परदे के पीछे चल रही कूटनीतिक वार्ताओं के बाद सेनाएं हटाने पर सहमति बन गई। भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, चीन की सेना अपने बुलडोजरों के साथ डोकलाम के विवादित इलाके से चली गई है और उन तंबुओं को भी हटा दिया है जो उन्होंने वहां गाड़े थे।अधिकारी ने बताया कि विवादित इलाके में करीब 1700-1800 चीनी सैनिक थे और वे सभी वहां से चले गए हैं इस इलाके में चीनी सैनिक सड़क बनाने की कोशिश कर रहे थे।
अधिकारी ने कहा, ‘वे बुलडोजर ले जाए गए हैं, तंबुओं को हटा लिया गया है और (चीनी) झंडे को भी हटा लिया गया है।’
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन के बीच डोकलाम की घटना के मद्देनजर कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएं चल रही थीं। इस बातचीत में हमने अपने हित और चिंताओं पर बात की। इसके आधार पर यह सहमति बनी है कि डोकलाम से सेनाएं हटाई जाएंगी और यह प्रक्रिया शुरु हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन के लिए प्रस्तावित तीन सितंबर से चीन दौरे के पहले इसे भारत की कूटनीतिक विजय के तौर पर देखा जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया की ‘डोका ला में चीन द्वारा सड़क निर्माण के काम में लगाए गए बुलडोजर, टेंट व अन्य निर्माण सामग्री हटा ली गई है। डोका ला मुद्दे पर भारत अपनी बात पर कायम था और पीछे हटने को तैयार नहीं था, चीन को स्पष्ट संदेश दे दिया गया था। आखिरकार दोनों देश समझौते तक पहुंच गए।’ इसे कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी जीत बताया जा रहा है।