रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों में सुधार के पहले चरण को मंजूरी दी
विशेषज्ञों की समिति ने दिसंबर, 2016 में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. रक्षा मंत्रालय ने इसपर विचार करने के पश्चात 99 सिफारिशों को सशस्त्र बलों को भेज दिया. इसका उद्देश्य सिफारिशों के अनुसार कार्यान्वयन योजना बनाना था. रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली ने कार्यान्वयन के लिए भारतीय सेना से संबंधित 65 सिफारिशों को मंजूरी दी है. इन सुधारों को 31 दिसंबर, 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा. भारतीय सेना के पुनर्गठन का उद्देश्य सेना की युद्ध क्षमता बढ़ाना, अधिकारियों, जेसीओ, वार्स रैंक का परिचालन तैयारी में उपयोग और असैन्य रक्षाकर्मियों की कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए सेना के विभिन्न प्रभागों में प्रतिनियुक्ति करना है.
नई दिल्ली: आजादी के बाद पहली बार रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के साथ परामर्श के बाद सेना में योजनाबद्ध तरीके से सुधार करने का निर्णय लिया है. रक्षा से संबंधित सभी पक्षों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श करने के पश्चात रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली ने इन निर्णयों को मंजूरी दी है.
सुधार के पहले चरण में अधिकारी,जेसीओ,वार्स रैंक और असैन्यकर्मियों के लगभग 57,000 पदों का पुनर्गठन किया जाएगा. मंजूर किए गए प्रमुख सुधार इस प्रकार हैं- सिग्नल प्रतिष्ठानों के अधिकतम उपयोग के लिए रेडियो निगरानी कंपनी, एयर सपोर्ट सिग्नल रेजिमेंट, एयर फॉर्मेशन सिग्नल रेजिमेंट, संयुक्त सिग्नल रेजीमेंट्स को सिग्नल प्रतिष्ठानों में शामिल किया जाएगा तथा कोर संचालन और इंजीनियरिंग सिग्नल रेजिमेंटों का विलय कर दिया जाएगा.
सेना के रख-रखाव व मरम्मत इकाईयों की पुर्नसंरचना की जाएगी। इसके अंतर्गत बेस वर्कशॉप, एडवांस बेस वर्कशॉप और स्टेशन वर्कशॉप को शामिल किया जाएगा.
आयुध विभाग की पुर्नसंरचना की जाएगी. इसके अंतर्गत वाहन डिपो, आयुध डिपो और केन्द्रीय आयुध डिपो को शामिल किया जाएगा.
पशुओं की परिवहन इकाइयों के आपूर्ति और परिवहन विभागों का बेहतर उपयोग किया जाएगा.
शांतिपूर्ण क्षेत्रों में सैन्य फार्मों और सैन्य डाक प्रतिष्ठानों को समाप्त किया जाएगा
सेना में वाहन चालकों और लिपिकों की भर्ती को उच्च स्तरीय बनाया जाएगा.
राष्ट्रीय कैडेट कोर की कार्य दक्षता में सुधार.
सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी के निर्णय के पश्चात 39 सैन्य फार्मों को समयबद्ध तरीके से समाप्त करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेकाटकर की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी, जिसका उद्देश्य सेना की युद्ध क्षमता बढ़ाने तथा रक्षा व्यय को संतुलित करने के संबंध में सुझाव देना था.
विशेषज्ञों की समिति ने दिसंबर, 2016 में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. रक्षा मंत्रालय ने इसपर विचार करने के पश्चात 99 सिफारिशों को सशस्त्र बलों को भेज दिया. इसका उद्देश्य सिफारिशों के अनुसार कार्यान्वयन योजना बनाना था. रक्षा मंत्री श्री अरुण जेटली ने कार्यान्वयन के लिए भारतीय सेना से संबंधित 65 सिफारिशों को मंजूरी दी है.
इन सुधारों को 31 दिसंबर, 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा. भारतीय सेना के पुनर्गठन का उद्देश्य सेना की युद्ध क्षमता बढ़ाना, अधिकारियों, जेसीओ, वार्स रैंक का परिचालन तैयारी में उपयोग और असैन्य रक्षाकर्मियों की कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए सेना के विभिन्न प्रभागों में प्रतिनियुक्ति करना है.