अयोध्या । रामनगरी में विश्व की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की मूर्ति स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है। 251 मीटर ऊंची प्रतिमा सरयू तट पर स्थापित होगी जो कि रामनगरी की भव्यता व धार्मिक आभा बढ़ाने का काम करेगी।रामनगरी के समग्र पर्यटन विकास के लिए प्रदेश सरकार ने 447 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर कर दिया है। मूर्ति स्थापित करने के लिए 61 हेक्टेअर भूमि खरीदी जाएगी। 2022 तक मूर्ति को साकार रूप देने का लक्ष्य है। अगले 6 महीने में मूर्ति स्थापित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
रामनगरी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा स्थापित करने की कवायद तेज हो चली है। 251 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापना के लिए 61 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के द्वारा पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर 28 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस जमीन के अधिग्रहण को लेकर विवाद भी खड़ा हुआ था।
अधिकारियों द्वारा इन जमीनों की नाप-जोख भी कराई जा चुकी है। अब चूंकि 61 हेक्टेअर भूमि की आवश्यकता होगी। इसके लिए सरयू तट के मीरापुर दोआबा के आसपास स्थित जमीनों जमथरा, गुप्तारघाट, मीरापुर मांझा के पास सरयू पुल के दूसरे ओर की जमीनों का भी अधिग्रहण किया जाएगा। मूर्ति निर्माण की कार्यदाई संस्था यूपी राजकीय निर्माण निगम होगी।
विशाल प्रतिमा का डिजाइन तैयार कर दिसंबर 2019 तक आर्किटेक्ट से फाइनल कराने का लक्ष्य है। प्रोजेक्ट को लेकर सभी तकनीकी खामियों को दूर कर एनओसी हासिल करने की समय सीमा मई 2020 तय कर दी गई है।
मूर्ति के बेसमेंट में स्थापित होगा भव्य म्यूजियम
मूर्ति के बेसमेंट के अंदर एक भव्य हाल होगा, जिसमें एक म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। इस म्यूजियम में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की जानकारी और अयोध्या रामजन्मभूमि का इतिहास भी दर्शाया जाएगा।
यहां मूर्ति के अलावा विश्राम घर, श्रीराम की कुटिया और डिजीटल म्यूजियम, लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग सहित अन्य व्यवस्थाएं आकर्षण का केंद्र होंगी।विज्ञापन