यूएन में भारत ने कहा-पाकिस्तान टेररिस्तान है तो तिलमिला गये पाक हुक्मरान

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  •  पाकिस्तान वास्तव में टेररिस्तान है
  • पाकिस्तान हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकियों को पाकिस्तान में पनाह दे रहा है.
  • पनाह ही दे रहा उन्हें हर प्रकार की मदत देता है और भारत में हिसा फ़ैलाने के उकसाता है.  
  • पाकिस्तान को 1948 से लेकर अब तक हमेशा उन्हें भारत के सामने घुटने टेकने पड़े और मात कहानी पडी.

नई दिल्ली : भारत ने यूएन में ठीक कहा कि पाकिस्तान वास्तव में टेररिस्तान है. जब वहां तीन-तीन खूंखार जिन्दा आतंकी सबूत के तौर पर घूम रहे हों तो पाकिस्तान को टेररिस्तान न कहें तो क्या कहें! पाकिस्तान लम्बे समय से भारत के लाख विरोध के बाद  भी हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकियों को पाकिस्तान में पनाह दे रहा है. पनाह ही दे रहा उन्हें हर प्रकार की मदत देता है और भारत में हिसा फ़ैलाने के उकसाता है.

दरअसल, पाकिस्तान के हुक्मरानों को ये टीस सालती है कि 1948 से लेकर अब तक हमेशा उन्हें भारत के सामने घुटने टेकने पड़े और मात कहानी पडी. जब कबायलियों की आड़ में पाक सेना ने कश्मीर के कुछ हिस्सों पर आक्रमण कर दिया तो भारतीय फौज ने पाकिस्तान को जमकर जवाब दिया, लेकिन सबक सीखने के बजाए पाकिस्तान उस राह पर चल पड़ा जो नफरत और आतंक की तरफ जाता था। पाकिस्तान की जमीं पर उन संगठनों का उदय हुआ, जो विकास के विरोधी थे। उनके लिए विकास का पर्याय आतंकवाद को बढ़ावा देना हो गया। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय राजनयिक इनम गंभीर ने पाकिस्तान की परिभाषा टेररिस्तान के रूप में दे दी तो पाकिस्तान के हुक्मरान जलभुन गए.

आतंक की पनाहगाह है पाकिस्तान

भारतीय राजनयिक इनम गंभीर का संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को टेररिस्तान नाम देना उसकी करतूतों का स्वाभाविक जवाब है। अलकायदा, लश्कर ए-तैयबा, हक्कानी नेटवर्क, तहरीकए-तालिबान पाकिस्तान, जैश ए-मोहम्मद समेत कई आतंकी संगठन उसकी शह पर उसी की जमीन पर फलफूल रहे हैं। हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकी पाकिस्तान में पनाह पाए हैं। ये वहां से भारत में आतंक फैलाने का कार्य करते हैं।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)

2007 में आतंकी बैतुल्लाह महसूद के नेतृत्व में स्थापना हुई। 13 आतंकी संगठन शामिल हुए। इसमें 25 हजार आतंकी हैं। इसका वर्चस्व पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में है। इसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहते हैं। मौलाना फैजलुल्लाह मौजूदा नेता है।

हक्कानी नेटवर्क

1980 से पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय है। 15 हजार आतंकी हैं। अलकायदा को ताकतवर बनाने में इसकी प्रमुख भूमिका है। पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आइएसआइ पर इसकी मदद का आरोप है। जलालुद्दीन हक्कानी और सिराजुद्दीन हक्कानी इसके प्रमुख हैं।

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