प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, पहली किस्त 2000 रुपया बिना ’आधार‘ खातों में डालने का काम युद्ध स्तर पर

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  • केंद्र सरकार ने राज्यों और बैंकों के साथ छोटे किसानों के खातों में 6000 हजार रपए की पहली किश्त डालने को लेकर बातचीत शुरू कर दी है।
  • केंद्र सरकार 5 एकड़ भूमि वाले साढ़े बारह करोड़ किसानों को पहली किश्त के रूप में 2000 रुपए जल्द देना चाहती है।
  • चुनाव की घोषणा में अधिक समय नहीं बचा है, इसलिए केंद्र सरकार किसानों के खातों में रकम डालने के काम को युद्ध स्तर पर अंजाम देना चाहती है।

नई दिल्ली : छोटे किसानों को नकद समर्थन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पहली किस्त के लिए आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, दूसरी किस्त पाने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है।

केंद्र सरकार ने राज्यों और बैंकों के साथ छोटे किसानों के खातों में 6000 हजार रपए की पहली किश्त डालने को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। कृषि विभाग के सचिव ने इस विषय में अधिकारियों की एक बैठक भी की। इस बैठक में उन जटिलताओं का समाधान निकालने की कोशिश की गई, जो किसानों के खातों में रकम डालने में आ सकती है। चुनाव की घोषणा में अधिक समय नहीं बचा है, इसलिए केंद्र सरकार किसानों के खातों में रकम डालने के काम को युद्ध स्तर पर अंजाम देना चाहती है।

बताया जा रहा है कि कृषि सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों और राष्ट्रीयकृत और ग्रामीण बैंकों के प्रमुखों को पत्र लिखा है। केंद्र सरकार 5 एकड़ भूमि वाले साढ़े बारह करोड़ किसानों को पहली किश्त के रूप में 2000 रपए जल्द देना चाहती है। सरकार के पास कृषि गणना से प्राप्त ऐसे किसानों के आंकड़े हैं, लेकिन यह वर्ष 2015-16 के हैं, चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में सरकार कुछ किसानों के छूट जाने का जोखिम नहीं ले सकती। सरकार अभी सही और गलत के फेर में नहीं पड़ना चाहती, उसे इस बात से भी परहेज नहीं है कि एक किसान को दो जगह भूमि होने से दो बार रकम मिल सकती है।

राज्य सरकारों के पास भू-अभिलेख के ताजा आंकड़े हैं, सरकार उसकी मदद से किसानों का चयन करना चाहती है, ताकि अधिकाधिक किसानों को रकम दी जा सके। सरकार इस बात से भी वाकिफ है कि गैर भाजपा शासित राज्यों पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश इत्यादि से उसे अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने वाला। लिहाजा वह भी भाजपा शासित राज्यों में ही योजना को अमल कराने पर अधिक ध्यान दे रही है। 

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