आपातकाल में जेल काटने वालों को मिलेगी पेंशन-प्रशस्ति पत्र; देवेंद्र फडणवीस

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दिल्ली। इंदिरा शासन में 25 जून 1975 को लगाए आपातकाल को देश के लोकतंत्र में काले अध्याय के तौर याद किया जाता है। आज इसे 44 साल पूरे हो गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों को सालाखों के पीछे जाना पड़ा, सरकार उन्हें पेंशन और प्रशस्ति पत्र देगी।

मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो लोग आपातकाल के दौरान जेल गए थे उन्हें पेंशन और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को लिए दी जाने वाली पेंशन पैसे से अधिक सम्मान के तौर पर थी। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों ने पेंशन लेने से इंकार कर दिया। लेकिन अभी भी कुछ लोग गरीबी में गुजर-बसर कर रहे हैं जिन्होंने बिना किसी गलती के गिरफ्तारी के बाद नौकरियां खो दी हैं।

इससे पहले राहत और पुनर्वास राज्य मंत्री मदन येरावर ने राकांपा सदस्य अजीत पवार के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पेंशन के लिए 3,267 आवेदन अब तक मंजूर किए गए हैं। इनमें से 1,179 आवेदनों को स्टांप पेपर के आधार पर अनुमोदित किया गया था। ऐसे अनुमोदन करने के पीछे उन्होंने बताया कि इससे साबित किया जा सके कि आवेदक को आपातकाल के दौरान जेल जाना पड़ा था।

पेंशन राशि में वृद्धि पर भविष्य में विचार किया जाएगा
इस बात पर बिफरे अजीत पवार ने कहा कि बिना सबूत के पेंशन कैसे दी जा सकती है और इस बात की क्या गारंटी कि स्टांप पेपर असली थे। जवाब देते हुए येरावर ने कहा कि आवेदनों की जांच संबंधित जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा की गई थी। साथ ही सही पाए गए आवेदनों को ही मंजूरी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि पेंशन योजना के लिए 42 करोड़ रुपये के बजट को अंतिम रूप दिया गया था। इसमें से 28 करोड़ रुपये से 29 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। भाजपा विधायक पराग अलावानी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोग अब वरिष्ठ नागरिक हैं। उन्हें बार-बार कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

फडणवीस ने पेंशन राशि में वृद्धि की मांग को खारिज करते हुए कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर विचार किया जाएगा। बता दें कि सरकार के फैसले के मुताबिक जिन लोगों को एक महीने के लिए जेल में रखा गया था उन्हें 5,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। एक महीने से अधिक समय जेल काटने वालों को प्रति माह 10,000 रुपये दिए जाएंगे।

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