दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को बजट भाषण पर चर्चा हुई। केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बजट मे सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। पिछले पांच साल के दौरान सरकार ने किसानों को कम और कारोबारियों को ज्यादा पैसा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से जो वादे किए थे उन्हें पूरा करना चाहिए। इसपर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों की इस स्थिति के लिए लंबे समय तक रहीं सरकारें जिम्मेदार हैं और नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं।
राहुल ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। बजट में सरकार ने किसानों की बजाए अमीरों को तरजीह दी है। किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय बजट में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। मेरे संसदीय क्षेत्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यहां आठ हजार किसानों को बैंक का कर्ज न चुकाने पर नोटिस भेजा गया और केरल में 18 किसानों ने आत्महत्या की क्योंकि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाए। केरल की सरकार ने कर्ज वसूली पर रोक लगाने का आग्रह किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस बारे में रिजर्व बैंक से नहीं कहा।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में सरकार ने किसानों को कम और कारोबारियों को ज्यादा पैसा दिया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में मोदी सरकार ने 5.5 लाख करोड़ रुपये बड़े उद्योगपतियों के माफ किए, लेकिन किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। राहुल ने सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार के लिए किसान अमीरों से ज्यादा जरूरी क्यों नहीं हैं? आरबीआई को निर्देश दें कि किसानों को धमकाना बंद किया जाए। देश के किसानों की हालत बहुत खराब है। सरकार को इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
राहुल के आरोपों पर राजनाथ सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि किसानों की जो हालत है वो पिछले कुछ साल में नहीं हुई। इस हालत के लिए लंबे समय तक सरकारों में रहने वाले लोग जिम्मेदार हैं। किसानों की खुदकुशी के सबसे ज्यादा मामले पहले की सरकारों के दौरान आए। हमारी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने सहित कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से किसानों के हित में कई कदम उठाए गए जिनमें सभी किसानों को सालाना छह हजार रुपये देने का कदम शामिल है। पिछले कुछ सालों में किसानों की खुदकुशी के मामलों में कमी आई है। हमने किसानों के लिए बहुत कुछ किया है और बहुत कुछ किया जाना बाकी है।