लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार आज नगर निगम लखनऊ व गाजियाबाद के लिए म्यूनिसिपल बांड जारी करने तथा अवस्थापना विकास निधि से धन उपलब्ध कराने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दे सकती है। 100 करोड़ का बांड जारी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रदेश कैबिनेट की बैठक लोकभवन में हो रही है। नगर विकास विभाग ने कैबिनेट के विचार के लिए यह प्रस्ताव भेजा है। इसके अंतर्गत अवस्थापना सुविधाओं के सृजन, विकास व रखरखाव के वित्त पोषण के लिए बांड जारी करने की योजना है। इससे इन संस्थाओं की क्रेडिट रेटिंग में सुधार के प्रयास किए जाएंगे।
क्रेडिट रेटिंग व बांड जारी होने से इनकी वित्तीय क्षमता, अवस्थापना सुविधाओं में सुधार, एकाउंटिंग व प्रोजेक्ट निर्माण की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा नगर निगम संपत्ति कर नियमावली-2000 में संशोधन का प्रस्ताव है। 19 वर्ष पहले बनाई गई नियमावली को समय के हिसाब से अपडेट करने के साथ ही संपत्ति कर की दरों में वृद्धि की जा सकती है।
सरकार पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में उप निदेशक की पदोन्नति संयुक्त निदेशक के पद पर करने पर विचार कर रही है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग (राजपत्रित अधिकारी) सेवा नियमावली में संशोधन कर चयन प्रक्रिया जोड़ने का प्रस्ताव है। राज्य सरकार की प्रतिभूतियों के संबंध में 20 जुलाई 2007 की अधिसूचना के संशोधित प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। यूपी उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा (छठा संशोधन) नियमावली को मंजूरी दी जा सकती है। स्टांप अधिनियम 2008 को समाप्त करने पर भी फैसला हो सकता है।,
वेयरहाउसिंग नीति में टोकन राशि तय होगी, डिफेंस कॉरिडोर को मिलेगी रफ्तार
प्रदेश में वेयरहाउसिंग व लॉजिस्टिक्स नीति बनाए जाने के बावजूद इस क्षेत्र में अपेक्षित निवेश नहीं आ रहा है। निजी लॉजिस्टिक इकाइयों के लिए विकास शुल्क के रूप में टोकन राशि दिए जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन यह राशि क्या होगी, यह तय नहीं किया गया।
सरकार विकास शुल्क की टोकन राशि की परिभाषा तय कर सकती है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड के कार्य को गति देने के लिए सरकार कृषि विभाग की 45.489 हेक्टेयर जमीन औद्योगिक विकास विभाग को निरूशुल्क देने पर विचार करेगी।
दो विधेयकों के मसौदे पर होगा विचार
यूपी का राज्य संप्रतीक अनुचित प्रयोग प्रतिषेध विधेयक-2019 को पुररूस्थापन, विचारण पारण व स्वीकृति के लिए विधानमंडल में पेश करने की मंजूरी देने पर कैबिनेट विचार कर सकती है। यूपी राज्य विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश-20198 के प्रतिस्थानी विधेयक के मसौदे की मंजूरी का भी प्रस्ताव है।