खास बातें
-कर्नाटक की 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार का गिरना लगभग तय।
-कुमारस्वामी समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 98 पर पहुंची।
-अभी 15 बागी विधायक मुंबई में, वहीं कांग्रेस के दो, बसपा का एक और दो निर्दलीय विधायक सदन नहीं पहुंचे।
-फिलहाल स्थिति में बहुमत के लिए 102 विधायक चाहिए, कुमारस्वामी के पास अब 98 और भाजपा के पास 105 विधायक हैं।
बंगलूरू। कर्नाटक में पिछले काफी दिनों से जारी सियासी उठापटक आज अंजाम तक पहुंच सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 15 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेस कुमार से सदन में बहुमत सिद्ध करने की अनुमति मांगी थी। माना जा रहा है कि वह आज सदन में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवा सकते हैं। वहीं विधान सौधा में तीनों पार्टियां के विधायक पहुंच गए हैं। कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों को सरकार के पक्ष में वोट करने को मजबूर करने के लिए पार्टी ने व्हिप जारी किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार उनपर व्हिप लागू नहीं होगा। इसलिए संभावना है कि कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में होने के कारण गिर सकती है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधानसभा पहुंचे। सभी भाजपा, जेडीएस और कांग्रेस विधायक भी इस वक्त विधानसभा में हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा विधानसभा पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें 100 फीसदी जीत का भरोसा है। उनके पास 100 से कम विधायक हैं, जबकि हमारे पास 105। उनका विश्वास मत का प्रस्ताव गिर जाएगा।
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधान सौधा मे कहा, ‘मैं यहां सिर्फ इसलिए नहीं आया हूं क्योंकि इस पर सवाल है कि मैं गठबंधन सरकार चला सकता हूं या नहीं। घटनाओं से पता चला है कि कुछ विधायकों ने अध्यक्ष की भूमिका को खतरे में डालने का काम किया है।’ मुख्यमंत्री ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसपर की चर्चा के बाद वोटिंग होगी। विश्वास प्रस्ताव के दौरान बसपा विधायक एन महेश सदन में मौजूद नहीं रहेंगे।
कर्नाटक कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल जो कांग्रेस के अन्य विधायकों के साथ बंगलूरू के प्रकृति रिसॉर्ट में ठहरे हुए थे, वह कल देर रात को मुंबई पहुंचे हैं। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास मत के दौरान कहा, मेरा और मेरे मंत्रियों का आत्मसम्मान है। मैं कुछ सफाई देना चाहता हूं। इस सरकार को अस्थिर करने के लिए कौन जिम्मेदार है?
विश्वास मत पर चर्चा के दौरान स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, ‘यह सदन उच्चतम न्यायालय का सर्वोच्च सम्मान में रखता है। मैं कांग्रेस के नेताओं को साफ कर देना चाहता हूं कि जो भी घटनाक्रम चल रहा है उसमें मेरा कोई हाथ नहीं है और न ही मैं इसमें शामिल होना चाहता हूं। यदि आप उच्चतम न्यायालय जाना चाहते हैं तो आपको पास ऐसा करने की स्वतंत्रता है। यदि कोई सदस्य सदन में उपस्थित नहीं होना चाहता को उसकी हाजिरी दर्ज नहीं की जाएगी। उस सदस्य को उस दिन का मानदेय और लाभ नहीं मिलेंगे।’
डीके शिवकुमार ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उन्होंने (बीएस येदियुरप्पा) ने राष्ट्र को गुराह किया है। उन्होंने अदालत को गुमराह किया है।’
विधान सौधा में सिद्धारमैया ने विधान सौधा में कहा, ‘जब तक हमें उच्चतम न्यायालय के पिछले आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता तब तक इस सत्र में विश्वास मत नहीं कराया जा सकता। यह संविधान के खिलाफ है। यदि व्हिप लागू होती है और वे (बागी विधायक) अदालत के आदेश के कारण सदन में नहीं आते हैं तो यह गठबंधन सरकार के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।’
कर्नाटक के मंत्री और एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना नंगे पांव ही विधानसौधा पहुंचे।
कर्नाटक विधानसौधा में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा- 8 विधायक एक साथ थे, उनमें से एक (श्रीमंत पाटिल) अब स्ट्रेचर पर दिख रहे हैं, ये लोग कहां हैं? मैं स्पीकर से अनुरोध करता हूं कि वह हमारे विधायकों की सुरक्षा करें।