भारत में पाकिस्तान के उचायुक्त रहे अब्दुल बासित ने पाकिस्तान में एक टीवी प्रोग्राम में कश्मीर पर इमरान ख़ान की नीतियों की आलोचना की है.
बासित ने कहा है कि कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान मुस्लिम देशों का भी समर्थन नहीं जुटा पाया.
बासित कहते हैं, “यूएई ने मोदी साहब को जो ‘ऑर्डर ऑफ़ ज़ायेद’ दिया इसका फ़ैसला अचानक से नहीं हुआ. इसकी प्रक्रिया बहुत पहले ही शुरू हो गई थी. मोदी साहब बहुत चालाक हैं. उन्होंने जो वक़्त चुना वो उनके लिए बहुत ही मुफ़ीद है. ये पहले से तय था कि पाँच अगस्त को कश्मीर का संवैधानिक दर्जा ख़त्म करेंगे और फिर यूएई और बहरीन जाएंगे. वहां उनको अवॉर्ड मिलने थे और पाकिस्तान को मौक़ा ही न मिले कि वो मुस्लिम देशों का समर्थन हासिल कर सके.”
अब्दुल बासित ने उस टीवी प्रोग्राम में कहा कि ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में पहली बार भारत को आमंत्रित किया गया और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वहां पहुंची थीं.
बासित कहते हैं, “ऐसा संयुक्त अरब अमीरात ने ही करवाया. जब आप सोए हुए रहते हैं और कोई एकाएक जगाता है तो नींद खुलती है. आप सोए रहेंगे तो ऐसा होगा ही. फिर आप कहते रहें कि यूएई ने मोदी को अवॉर्ड दिया.”
चीन एक तरफ़ हॉन्गकॉन्ग में हो रहे प्रदर्शन और दूसरी तरफ़ अमरीका के साथ ट्रेड वॉर से जूझ रहा है. अमरीका के लिए भी ईरान संकट और चीन ज़्यादा अहम हैं. पाकिस्तान की वित्तीय हालत बहुत ही ख़राब है और वो किसी तरह ख़ुद को डिफॉल्टर होने से बचा पाया है. भारत के भीतर भी विपक्ष पूरी तरह निष्प्रभावी है. ऐसे में मोदी सरकार ने कश्मीर से 370 ख़त्म करने का फ़ैसला किया.