दिल्ली। पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर मंगलवार को आधुनिक तकनीक से लैस आठ अपाचे 64-ई लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि अपाचे 64-ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना की अभियान और मारक क्षमताओं में वृद्धि करेगा।
धनोआ ने कहा कि अपाचे 64-ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर पुराने हो रहे एमआई-35 बेड़े की जगह लेंगे। कुल 22 अपाचे लिए जाने है और इसकी आखिरी खेप मार्च 2020 में मिलेगी। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर आधुनिक तकनीक से लैस हैं और इन्हें पश्चिमी क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर का भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होना इसके आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आधुनिक तकनीक से लैस अपाचे हेलीकॉप्टर सभी मौसमों में दिन रात तेजी से कार्रवाई करने में सक्षम हैं।
चार साल पहले भारत ने अमेरिका के साथ 22 अपाचे हेलीकॉप्टर का करार किया था। 2022 तक सभी 22 अपाचे हेलीकॉप्टर वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। भारत ने अमेरिका की कंपनी बोइंग के साथ सितंबर 2015 में 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर के खरीद का सौदा किया था। इस सौदे की कुल राशि 9600 करोड़ है।
हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलों से है लैस
अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर में 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल लगी होती है। हेलफायर मिसाइल किसी भी आर्मर्ड व्हीकल जैसे टैंक, तोप, बीएमपी वाहनों को पल भर में उड़ा सकती है। वहीं स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से आने वाले किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम है। इसके साथ ही इसमें हाइड्रा-70 अनगाइडेड मिसाइल भी लगा होता है जो जमीन पर किसी भी निशाने को तबाह कर सकता है।