प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य है दिमाग को खाली और खुला करना, लेकिन हमारा जोर हमेशा दिमाग को भरने में रहा. अब बदलाव लाना होगा। आज की चुनौती यह नहीं है कि क्या नया सिखाएं, बल्कि यह है कि पुराना कैसे भूलाएं। अनलर्न करना, लर्न करना, रीलर्न करना आज की जरूरत है। दिमाग खोलने का अभियान चलाना होगा। दिमाग जब खाली होगा तो नए चीजों को भरने की जगह बनेगी।
पटना (एजेंसीज) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया हमें सांप-संपेरों का देश मानती थी। पहले वह सोचते थे भारत यानी भूत-प्रेत, भारत माने अंधविश्वास, लेकिन जब आईटी रेवोल्यूशन में हमारे बच्चों ने अंगुलियों पर दुनिया दिखाना शुरू कर दिया तो दुनिया की आंखें खुल गई। दुनिया में वही देश विकास कर सकता है जो इनोवेशन को लागू करे। वह आज (शनिवार को) पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य है दिमाग को खाली और खुला करना, लेकिन हमारा जोर हमेशा दिमाग को भरने में रहा. अब बदलाव लाना होगा। आज की चुनौती यह नहीं है कि क्या नया सिखाएं, बल्कि यह है कि पुराना कैसे भूलाएं। अनलर्न करना, लर्न करना, रीलर्न करना आज की जरूरत है। दिमाग खोलने का अभियान चलाना होगा। दिमाग जब खाली होगा तो नए चीजों को भरने की जगह बनेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार में सरस्वती और लक्ष्मी को एक साथ चलाना है। जितनी पुरानी गंगा धारा है, बिहार के पास उतनी पुरानी ज्ञान धारा की विरासत है। नालंदा को कौन भूल सकता है। चीनी कहावत की बात करते हुए मोदी ने कहा कि अगर आप पीढिय़ों का सोचते हैं तो मनुष्य बोइए। यह पटना यूनिवर्सिटी इसका उदाहरण है, जो बीज 100 साल पहले बोया गया, उसी का फल है कि कई लोगों ने मां सरस्वती की पूजा की और साथ ही इस देश को काफी कुछ दिया। मोदी ने कहा कि सिविल सर्विसेज परीक्षा में पहले पांच में कोई स्टूडेंट न हो ऐसा नहीं हो सकता है। बिहार के पास सरस्वती मां की कृपा है, लक्ष्मी की कृपा भी बन सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पहले जितने प्रधानमंत्री हो गए वह मेरे लिए कई अच्छे काम छोड़कर गए हैं।
समारोह में नीतीश कुमार ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि पटना यूनिवर्सिटी के साइंस कॉलेज में पढ़ाई करना सौभाग्य की बात, इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं जाना चाहते थे। नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश उत्सव में हिस्सा लिया था, तभी यह बात हुई थी कि अलग से फिर पटना आएंगे। साथ ही नीतीश ने प्रधानमंत्री से पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी की मांग की और प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि सभी आपकी तरफ बड़ी उम्मीदों से देख रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जो पटना यूनिवर्सिटिी आए हैं। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय नहीं होता तो जेपी आंदोलन नहीं हुआ होता।
इससे पहले पटना एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल सतपाल मलिक ने किया। प्रधानमंत्री के पटना यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री हमारे यूनिवर्सिटी में आ रहे हैं। इसके गौरवशाली अतीत को वापस लाना हमारा मकसद है।