नई दिल्ली: साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल श्रीकांत पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को कोर्ट ने राहत दी है। इन दोनों सहित चार आरोपियों से मकोका और यूएपीए की धारा 17,20 व 13 हटा दी गई है। इन पर अब केवल अनलॉफुल एक्टीपिटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (यूएपीए) की धारा 18 और अन्य धाराओं में केस चलेगा।
इस मामले में सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं और स्पेशल एनआईए कोर्ट ने उनकी जमानत अवधि बढ़ा दी है। मामले की अगली सुनवाई स्पेशल एनआईए कोर्ट मुंबई में 15 जनवरी को करेगी। बता दें कि नासिक में स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में सात लोग मारे गए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्वामी असीमानंद और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बताया गया था।
ये है पूरा मामला
29 सितंबर, 2008 में मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था। इसमें कुल 7 लोग मारे गए, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस केस में एटीएस की जांच में ‘अभिनव भारत’ संस्था का नाम सामने आया था। 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था। जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखा था। 15 अप्रैल, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका को हटा दिया। 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी है।