गुप्तकाशी: जाखधार में लगने वाला दो दिवसीय जाख मेले में शनिवार को जब जाख देवता के पश्वा ने ढोल की थाप और ढोल सागर का वाचन करने के बाद जब दहकते हुए अंगारों में नृत्य किया तो, यहां उपस्थित सैकड़ों भक्तों की आंखे नम हो गई. इसके बाद जाख देवता ने भक्तों को आशीर्वाद भी दिया। यह मेला क्षेत्र की 14 गांवों की आस्था जुड़ा है. मेला देखने के लिए दूर-दराज क्षेत्रों से सैकड़ों भक्तजन यहां पहुंचे थे.
गत शुक्रवार को जाख मेला समिति के तत्वावधान में शुरू हुए जाख मेले में जाखधार में कोठेडा व नारायणकोटी के भक्तों की ओर से एकत्रित करीब 80 कुंतल लकड़ियों से अग्निकुंड सजाया गया। इसके बाद गत रात्रि पहले मुख्य पुजारी ने क्षेत्र के चारों दिशाओं की पूजा अर्चना की फिर अग्निकुंड में अग्नि प्रज्वलित की गई.
इसके बाद नारायणकोटी, कोठेडा, देवशाल की ओर से तैयार सामूहिक भोज किया गया। यहां पर पुजारी ने रात्रिभर चार पहर की पूजा अर्चना के साथ ही भक्तों की ओर से जागरण कर जाखराजा के लिए अंगारे तैयार किए। शनिवार को जाख देवता के पश्वा, देवता के निशान को भक्तों के सहयोग से गाजे-बाजों के साथ जाखधार लाया गया. जहां उपस्थित भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.