पहाड़ में जो लोग खेती-किसानी से विमुख हो रहे हैं, उन्हें आईना दिखाने का काम कर रहे हैं टिहरी जिले के चंबा प्रखंड स्थित पलास गांव निवासी पूर्व सैनिक शूरवीर सिंह राणा। सेवानिवृत्ति के बाद प्रथम श्रेणी के ठेकेदार रहे राणा आज अपने गांव में बागवानी और सब्जी उत्पादन कर खुशहाली की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं, अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर अब खेती-किसानी में हाथ आजमाने लगे हैं।
इस 50-वर्षीय पूर्व सैनिक का नाम आज टिहरी जिले के प्रगतिशील काश्तकारों में लिया जाता है। डेढ़ दशक पूर्व सेना से सेवानिवृत्ति के बाद जब राणा अपने गांव लौटे तो कुछ वर्षो तक ठेकदारी में हाथ आजमाया। इस दौरान वे प्रथम श्रेणी के ठेकेदार रहे, लेकिन धीरे-धीरे इस कार्य से उनका मोहभंग होता चला गया।
जब भी वे गांव के बंजर पड़े खेतों को देखते थे, मन में एक अजीब-सी टीस उठती थी। इसीलिए ठेकादारी को अलविदा कह वह इन बंजर खेतों को आबाद करने में जुट गए। पांच वर्ष पूर्व उन्होंने सब्जी का उत्पादन शुरू किया और साथ ही बागवानी में भी जुट गए। वर्तमान में गांव की करीब 40 नाली असिंचित भूमि पर वह सब्जी उत्पादन और बागवानी का कार्य कर रहे हैं।