रुद्रपुर। कोविड अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन समय पर उपलब्ध हो इसके लिए एआरटीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें एआरटीओ प्रशासन और प्रवर्तन मिलकर काम कर रहे हैं, जिसमें ऑक्सीजन लेकर जाने वाले टैंकरों की ट्रेकिग जीपीएस सिस्टम से की जा रही है। कौन सा टैंकर कब किस रिफ्लिंग यूनिट पर पहुंचा और अनलोड हुआ इस पर पूरी नजर विभाग रख रहा है।
ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर हो इसके लिए प्रदेश के परिवहन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा के निर्देशों के बाद एआरटीओ विभाग ने कमान संभाल ली है। ऑक्सीजन की सप्लाई से लेकर रिफ्लिंग तक की रिपोर्टिग की जिम्मेदारी विभाग के कंधों पर है, जिसमें जिले के अंदर 14 रिफ्लिंग यूनिट काम कर रही है। इसमें तीन जेनरेटिग यूनिट हैं। जहां ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से कुमाऊं के लिए काशीपुर स्थित इंडियन ग्लाइकोल्स लिमिटेड से ऑक्सीजन का 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया गया है। विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि यहां से चार टैंकर ऑक्सीजन लेकर रिफ्लिंग यूनिट को भेजे जा रहे हैं। इसमें दो ऊधमसिंह नगर और दो टैंकर नैनीताल के लिए आवंटित है। टैंकर सही समय पर पहुंचें इसके लिए इनमें जीपीएस सिस्टम लगाया गया है, जिससे इनके हर गतिविधि की जानकारी मुख्यालय को मिल सके।
एआरटीओ प्रवर्तन रुद्रपुर बीके सिंह ने बताया कि आइजीएल से ही हरिद्वार और गढ़वाल संभाग को भी ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही है। इसके साथ ही रुद्रपुर में इंडस्ट्रीज से भी ऑक्सीजन टैंकरों की सूची ली गयी है। जिन यूनिट में कार्बन डाई ऑक्साइड या नाइट्रोजन ले जाने वाले टैंकर है। उन्हें ऑक्सीजन गैस के टैंकरों में तब्दील कराया जा रहा है। जिससे ऑक्सीजन गैस की सप्लाई समय पर होने के साथ ही रिफ्लिंग संबंधित यूनिट पर की जा सके।