काशीपुर। संवाददाता।
15 अगस्त के दिन देश आजादी के जश्न में डूबा था। तो वहीं कुछ संदिग्ध लोग काशीपुर की तहसील में सरकारी दस्तावेज खंगाल रहे थे। ऐसे में ये जानना भी जरूरी हो जाता है कि आखिर वो शख्स कौन है जिसके लिए कार्यालय खोला गया। चैकाने वाली बात ये भी है कि उसी तहसील के तहसीलदार को पता नहीं कि दफ्तर में कौन-कौन काम करता है।
15 अगस्त को काशीपुर तहसील में अलग ही नजारा देखने को मिला। सरकारी छुट्टी होने के बाद भी यहां अधिकारी व कर्मचारियों की गैर मौजूदगी में बाहरी लोग कार्यालय खोल कर बैठे थे। साथ ही सरकारी दस्तावेजों को टटोलने में लगे थे। पटवारियों के कक्ष में बैठे ये बाहरी लोग कौन थे और कर क्या रहे थे। बिना पटवारियों की मौजूदगी के उनके कक्ष में इतने फुर्सत से कौन बैठ सकता है।
अब यह सवाल हर किसी के जेहन में कौंध रहे हैं। जबकि इससे पहले भी सरकारी कार्यालयों से फाइलें चोरी होने के कई मामले सामने आ चुके हैं। एनएच घोटाला इसकी बानगी है। जिसकी फाइलें काशीपुर और जसपुर तहसील से गायब हो गई थीं।
ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारी डॉ.नीरज खैरवाल का कहना है कि यह बहुत ही संगीन मामला है। जानकारी मुझे भी मिली है। एसडीएम काशीपुर को इसकी तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई होगी। आरोपियों का हर हाल में पता लगाया जाएगा।