देहरादून। प्रदेश में हवाई व हेली सेवाओं का नेटवर्क तेजी से पंख फैला रहा है। सरकार की मंशा हर जिले से हेली सेवा शुरू करने की है। इसके लिए उड़ान योजना के तहत यहां हेलीपोर्ट भी बनाए जा रहे हैं। देहरादून से श्रीनगर, गौचर व उत्तरकाशी के लिए हेली सेवा शुरू की जा चुकी है। केदारनाथ धाम व हेमकुंड साहिब के लिए यात्रा के दौरान हेली सेवाओं का संचालन होता है। इसके साथ ही देहरादून से पिथौरागढ़ तक के लिए हवाई व हेली सेवा दोनों को ही मंजूरी भी प्रदान की गई है। उड़ान योजना के तहत हेली सेवा संचालित करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य भी है।
उत्तराखंड में विषम पर्वतीय भौगोलिक स्थिति के कारण यहां आवाजाही के साधन सीमित हैं। देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश जैसे शहरों को छोड़ दिया जाए तो शेष प्रदेश के लिए सड़कें लाइफ लाइन का काम करती हैं। मानसून के सीजन अथवा आपदा के दौरान ये लाइफलाइन पूरी तरह ध्वस्त हो जाती है। तब सुदूरवर्ती गांवों में रोजमर्रा की वस्तुओं की उपलब्धता और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचना चुनौती रहता है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने हेली व हवाई सेवाओं की ओर रुख किया। यह माना गया कि नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तराखंड की वादियां सैलानियों की पसंद हैं। साथ ही चारधाम समेत अन्य धार्मिक स्थलों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। ऐसे में हेली सेवाओं के विस्तार से पर्यटन को गति देने की बात की गई। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र का दरवाजा भी खटखटाया।
केंद्र ने वर्ष 2016 में उड़ान योजना के तहत प्रदेश में हेली व हवाई सेवाओं को मंजूरी दी। इसके तहत दिल्ली से पंतनगर के साथ ही देहरादून से पिथौरागढ़ के लिए हवाई सेवा के संचालन को अनुमति प्रदान की। इसके साथ ही देहरादून से उत्तरकाशी के चिन्याली सौड़, देहरादून से टिहरी, देहरादून से पौड़ी के श्रीनगर और देहरादून से चमोली के गौचर को हवाई संचालन को भी हरी झंडी दिखाई। इन मार्गों पर हेली सेवाएं भी प्रारंभ की गई मगर डबल इंजन हेलीकाप्टर की बाध्यता के चलते इनके संचालन में दिक्कतें आ रही थी। ऐेसे में राज्य सरकार द्वारा केंद्र में दस्तक दी गई।
केंद्र ने इसी वर्ष राज्य के लिए सात नई हवाई सेवाओं को मंजूरी दी है। इसके तहत देहरादून-चिन्यालीसौड़, देहरादून-गौचर, देहरादून-श्रीनगर, देहरादून-पिथौरागढ़, देहरादून-हल्द्वानी-पंतनगर, देहरादून-टिहरी और हल्द्वानी-पिथौरागढ़ हवाई सेवा शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को कवायद
प्रदेश में लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कवायद भी लंबे समय से चल रही है। इस कड़ी में प्रदेश में तीन स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की चर्चा चल रही हैं। इनमें देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट व पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण शामिल है। इसके साथ ही हरिद्वार में भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट खोलने पर चर्चा चल रही है। केंद्र ने भी प्रदेश की इस कवायद को मूर्त रूप देने के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। अंतर राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने से उत्तराखंड का देश-विदेश से सीधा हवाई संपर्क हो सके। इससे न केवल यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा बल्कि आर्थिकी को भी गति मिलेगी।
सिंगल इंजन हेलीकाप्टर से मिलेगी गति
प्रदेश में जल्द ही सिंगल इंजन हेलीकाप्टर का इस्तेमाल शुरू होने जा रहा है। केंद्र ने 13 स्थानों के लिए सिंगल इंजन हेलीकाप्टर सेवा को मंजूरी दे दी है। जल्द ही अन्य स्थानों के लिए भी सिंगल इंजन हेलीकाप्टर शुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, प्रदेश में अभी केवल डबल इंजन हेलीकाप्टर से ही हवाई सेवाएं दी जा सकती थी। हेली कंपनियों के पास डबल इंजन हेलीकाप्टर कम हैं। इस कारण प्रदेश में स्वीकृत मार्गों पर भी हेली सेवाएं सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही थी। अब केंद्र की अनुमति के बाद इन्हें गति मिलने की उम्मीद है।
इन 13 स्थानों के लिए मिली मंजूरी
– अल्मोड़ा, चिन्यालीसौड़, धारचूला, गौचर, हल्द्वानी, हरिद्वार, जोशीमठ, मसूरी, नैनीताल, नई टिहरी, रामनगर, सहस्रधारा (देहरादून), श्रीनगर।
प्रदेश में 100 करोड़ की लागत से बनेंगे हेलीपोर्ट
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में हेली सेवाओं को रफ्तार देने के लिए यहां हेलीपोर्ट को भी मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र ने 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने पर भी हामी भरी है। हेलीपोर्ट, हेलीपैड का विकसित स्वरूप होता है। इन्हें एक मिनी एयरपोर्ट भी कहा जा सकता है। इनमें एक से अधिक हेलीकाप्टर खरू़ा करने और यात्रियों के विश्राम के लिए लाउंज की भी व्यवस्था होती है।
देहरादून और पंतनगर में बनेंगे एमआरओ
प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में एमआरओ (मेंटिनेंस, रिपेयर एंड ओवरआल) सेंटर खोलने की भी तैयारी है। यहां हेलीकाप्टर का रखरखाव किया जाएगा। इसके लिए कई हेली कंपनियों ने रूचि भी दिखाई है। अभी हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण इन्हें दिल्ली समेत अन्य राज्यों के एमआरओ सेंटर भेजा जाता है।
केदारनाथ और देहरादून में एटीएफ बंकर
उत्तराखंड में हेली सेवाओं को गति देने के लिए इससे संबधित आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाया जा रहा है। इस कड़ी में अब प्रदेश में केदारनाथ और देहरादून के सहस्रधारा में एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के बंकर (फ्यूल स्टेशन) बनाने की तैयारी है। इससे प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर चलने वाली हेली सेवाओं को एटीएफ के लिए नाहक लंबी उड़ान नहीं भरनी पड़ेगी। विशेष रूप से केदारनाथ हेली सेवाओं को इससे काफी लाभ मिलेगा। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने इंडियन आयल कारपोरेशन से इसके लिए बात शुरू कर दी है।