उत्तरकाशी। लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ चल रही तनातनी के बीच भारतीय सेना ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी की ओर से चीन से लगी सीमा पर मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। सोमवार को आसमान में सेना के लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरीए जबकि दो दिन से चिन्यालीसौड़ स्थित हवाई अड्डे पर सेना के जवानों और वाहनों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। जल्द ही यहां से सेना के जवानों को हर्षिल एवं बॉर्डर की ओर भेजे जाने की बात सामने आ रही है।
बता दें कि जनपद की 117 किमी सीमा चीन के साथ लगी है। इस बॉर्डर की अग्रिम चौकियों पर भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी दे रहे हैं। भारतीय सेना की एक बटालियन हर्षिल बेस कैंप में तैनात है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते इस बॉर्डर से कभी चीनी घुसपैठ नहीं हुई हैए लेकिन चीन के साथ तनातनी के बीच सेना इस बॉर्डर भी पूरी सतर्कता बरत रही है।
यही कारण है कि बीते मई माह से लद्दाख बॉर्डर पर चीन के साथ चल रहे विवाद के बाद से ही यहां सेना की गतिविधियां तेज हो गई हैं। बीते कुछ दिन से जिले के आसमान में भारतीय सेना के विमान उड़ान भरते दिख रहे हैं। इसके साथ ही बीते दो दिन से सीमा के सबसे निकटवर्ती चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर भी सैन्य गतिविधियां बढ़ गई हैं।
यहां बड़ी संख्या में सेना के वाहन साजो सामान के साथ पहुंचे हैं। राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े इस मामले में सेना एवं प्रशासन के अधिकारी साफ तौर पर कुछ नहीं बता रहे हैंए लेकिन माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन में बड़ी संख्या में सेना के जवानों को बॉर्डर क्षेत्र में भेजा जाएगा।
मिलम से लेकर लिपुलेख तक गरजे जेट फाइटर
लद्दाख में चीनी सैनिकों की हरकतों के बाद लिपुलेख सीमा की कड़ी निगरानी की जा रही है। सेना और अर्द्ध सैन्य बलों के जवान 24 घंटे गश्त कर रहे हैं। सोमवार को भी भारतीय वायु सेना के जेट फाइटर ने मिलम से लेकर लिपुलेख तक उड़ान भरी।
सीमा पर चीन की बढ़ती हुई गतिविधियों को देखते हुए लिपुलेख और मिलम में भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों ने अपनी तैनाती बढ़ा दी है। कालापानी से लेकर लिपुलेख तक चौबीस घंटे जवान सीमा की निगरानी कर रहे हैं। धारचूला से लगातार लिपुलेख सीमा के लिए सुरक्षा बलों के जवानों का मूवमेंट बना हुआ है।
सीमा पर हाई अलर्ट है। जमीनी निगरानी के साथ हवा से भी सीमा की निगरानी की जा रही है। वायु सेना के जेट फाइटर ने सोमवार को भी सुबह करीब दस बजे सीमा पर उड़ान भरी, हालांकि लिपुलेख सीमा पर इस बीच चीन की ओर से कोई अवांछित गतिविधियां नहीं की गई हैं।
इधर भारत-नेपाल सीमा पर भी धारचूला से कालापानी तक एसएसबी लगातार गश्त कर रही है। अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों सहित काली नदी में अवैध रूप से आने जाने वाले स्थानों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
हेलीकॉप्टर और वाहनों से पहुंचाया जाएगा राशन
सूत्रों के अनुसार चीन की हरकतों को देखते हुए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इस बार सेना और अर्द्धसैनिक बल जाड़ों में भी पर्याप्त संख्या में तैनात रहेंगे। ऐसे में सुरक्षा बलों के लिए पर्याप्त मात्रा में रसद पहुंचायी जाएगी। लिपुलेख सीमा पर तैनात जवानों के लिए गुंजी तक हेलीकॉप्टर और वाहनों से राशन पहुंचाया जाएगा। मिलम के अभी सड़क से नहीं जुड़ पाने के कारण हेलीकॉप्टर से राशन की आपूर्ति की जाएगी।