मंडलायुक्त कार्यालय में आरटीए की बैठक आज, सीएनजी आटो-विक्रम पर होगा फैसला

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देहरादून : दून, ऋषिकेश एवं हरिद्वार का प्रदूषण कम करने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के चार वर्ष पहले दिए गए सीएनजी विक्रम एवं आटो चलाने के आदेश पर आज संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) देहरादून की बैठक में निर्णय होगा।

करीब पौने चार वर्ष बाद हो रही आरटीए की बैठक में देहरादून शहर में सिटी बसों एवं छोटे सवारी वाहनों के नए मार्ग बनाने, परमिट देने व सवारी वाहनों में वृद्धजनों के लिए रैंप बनाए जाने समेत वृद्धजनों के लिए सिटी बसों में सीट आरक्षित करने का निर्णय भी होना है।

संभागीय परिवहन प्राधिकरण की पिछली बैठक पांच मार्च-2019 को हुई थी। इसके बाद कई बार बैठक कराने का प्रयास हुआ, लेकिन हर बार यह टलती रही। विभाग की ओर से पांच मार्च-2019 को हुई बैठक के निर्णय के क्रम में दून व ऋषिकेश में केवल सीएनजी आटो-विक्रम चलाने की स्वीकृति दे दी थी और इसका प्रस्ताव शासन को भी भेजा था, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतरी।

चूंकि अब सीएनजी ईंधन पंप भी यहां खुल चुके हैं, ऐसे में विभाग ने मार्च-2023 से पहले डीजल-पेट्रोल विक्रम व आटो को सीएनजी में बदलने की तैयारी कर ली है। खास बात यह है कि दून शहर व ऋषिकेश के साथ अब इसमें हरिद्वार को भी शामिल किया गया है। डीजल व पेट्रोल आटो-विक्रमों को बाहर कैसे किया जाएगा और इन्हें धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक और सीएनजी आटो-विक्रम में कैसे बदला जाएगा, बैठक में इस पर निर्णय लिया जाना है। आरटीओ (प्रशासन) व आरटीए सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय और एनजीटी के आदेश के क्रम में मंगलवार को आरटीए की बैठक बुलाई गई है।

114 पेज का एजेंडा, 46 मद में सुनवाई
जब बैठक पौने चार वर्ष बाद हो तो स्वयं ही इसके महत्वपूर्ण होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। आरटीए की बैठक के लिए 114 पेज का लंबा-चौड़ा एजेंडा तैयार हुआ है। इसमें कुल 46 मदों में सुनवाई होगी। सिटी बसों के निरस्त परमिट बहाल करने व नया मार्ग झाझरा-प्रेमनगर-घंटाघर-रायपुर बनाने पर भी निर्णय होना है।

विक्रम यूनियन की मांग पर उनका कांट्रेक्ट कैरिज का परमिट स्टेज कैरिज परमिट में बदलने, छोटे वाहनों के लिए नए मार्गों के परमिट, प्रेमनगर मार्ग की सिटी बसों के निलंबित परमिट से जुड़े मामले इस एजेंडे में शामिल हैं। यही नहीं, सुरक्षा के दृष्टिगत रोडवेज बसों में स्टीकर लगाने, राजाजी राष्ट्रीय पार्क चीला रेंज में पर्यटकों के लिए जिप्सी के परमिट देने एवं टिहरी व उत्तरकाशी में वाहनों के लिए नए मार्ग खोलने पर भी निर्णय होगा।

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