सरकार के कोरोना वेक्सिनेशन के आदेश को उत्त्तरकाशी जिला प्रशाषन पलीता लगाता हुवा,सड़क रास्ते न होने पर उन्हें 09 किलोमीटर दूर सरनॉल गांव में आना पड़ रहा

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उत्त्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती गांव सरबड़ियार के 8 गांवों के बृद्ध ग्रमीणों को प्रशाषन की लापरवाही का शिकार होकर 09 किलोमीटर दूर जंगल का पैदल रास्ता तय कर कोरोना वेक्सिनेशन के लिए आना पड़ रहा है । इन बृद्ध ग्रामीणों में कई ऐसे भी है जो पैदल चलने में असमर्थ है और अन्य ग्रामीणों की सहायता से घोड़ो पर चढ़ कर उन्हें 09 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है । लाचार ग्रामीणों की पैदल दूरी तय करते हुए तस्बीरें सामने आयी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशाषन पर गंभीर आरोप लगाए है ।सरकार के कोरोना वेक्सिनेशन के आदेश को उत्त्तरकाशी जिला प्रशाषन पलीता लगाता हुवा दिख रहा है जिले के सुदूरवर्ती 08 गांव बड़ियार पट्टी के अंतर्गत आते है जहां कोरोना वेक्सिनेशन की कोई सुबिधा न होने पर उन्हें 09 किलोमीटर दूर सरनॉल गांव में आना पड़ रहा है ।
09 किलो मीटर की दूरी को तय करने में जंगलों के उबड़ खाबड़ रास्ते नदी नालों को पार करना पड़ रहा है रास्ता ऐसा खतरनाक कि , सामान्य युवाओ को भी सोच समझ कर ही कदम रखना होता है ।ऐसे में 60 साल से ऊपर बुजुर्गों को इस मार्ग से होकर जाना मौत को दावत देने के समान है । गौरतलब है कि अभी तक इन गावो को जाने के लिये सड़क रास्ते तक नही बन पायै है ।हालात इस कदर हैं कि दूर दराज गांव के 60 से 90 वर्ष तक के बुर्जग महिला व पुरूषों को स्वजन
घोड़ो पर अथवा पीठ पर उठाकर व कुछ पैदल चलकर ही 7–8 किमी दूर सरनोल पंहुचना पड रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश रावत ने बताया कि पहले से वैक्सीनेशन को 8 गांव के लिए पौंटी व सर गांव प्राथमिक विद्यालय में केंद्र बनाया गया था किंतु आनन-फानन में दो दिन पहले अचानक 9 किमी दूर सरनोल गांव में आने की सूचना दी गई जिस पर लोगों में भारी आक्रोश है तथा कई लोग तो पैदल आने जाने में असमर्थ हैं जबकि कुछ लोगों को पैदल,खच्चर अथवा पीठ में उठाकर सरनोल लाना पड़ रहा है। प्रतिनिधियों ने जिलाप्रशाशन के खिलाफ आक्रोश जता कर कहां की जो लोग इतनी दूर नहीं आपा रहे हैं,कुछ लोग बीमार हैं,उनके वैक्सी नेशन का क्या होगा।

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