चमोली। चमोली आपदा के 18वें दिन भी तपोवन बैराज और सुरंग में लापता लोगों की खोजबी का अभियान जारी है। हालांकि मंगलवार को कोई शव नहीं मिला। अब तक तपोवन टनल से करीब 184 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है।
यहां से सुरंग का एसएफटी प्वाइंट 10 मीटर पर है। यही वह जगह है जहां पर अधिक संख्या में लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है। आपदा में लापता 204 में से 70 शव और मानव अंग मिल चुके हैं जबकि 134 अभी भी लापता हैं। वहीं आपदा में मारे गए 40 लोगों की शिनाख्त भी हो चुकी है।
आज मंगसिरी को सम्मानित करेगी सपा
समाजवादी पार्टी के मीडिया प्रभारी राजेंद्र चैधरी ने बताया कि तपोवन आपदा में 20 से अधिक लोगों की जान बचाने वाली मंगसिरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर 24 फरवरी को प्रदेश पार्टी कार्यालय में पांच लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सचान उन्हें यह चेक सौंपेंगे।
पानी के रिसाव से अभियान में बाधा
महाप्रबंधक अहिरवार का कहना है कि सुरंग से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे कार्य में लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चार पंप दिन रात सुरंग से पानी निकालने का काम कर रहे हैं। बैराज साइट पर पंप सफल नहीं हो पाए थे, इसलिए वहां जेसीबी से मलबा हटाकर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
134 लापता को मृत मानने की अधिसूचना जारी
तपोवन में 13.2 मेगावाट की जलविद्युत विष्णुगाड़ परियोजना में सात फरवरी को आई भीषण आपदा में लापता लोगों को मृत मान लेने संबंधी अधिसूचना उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दी है। इससे लापता लोगों के वारिसों को मुआवजे का रास्ता साफ हो गया है।
प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र से दिशा-निर्देश मांगे थे। चमोली आपदा में 204 लोग लापता बताए थे। इनमें 70 शव और मानव अंग मिल चुके हैं। 134 लोग अभी भी लापता बताए गए हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में 2013 में केदारनाथ आपदा में भी लापता लोगों को मृत मानकर उनके परिजनों को मुआवजा दिया गया था।