सीमा पर राजनाथ सिंह, आइटीबीपी जवानों के साथ मनाया दशहरा, कहा आइटीबीपी जवानों की बहादुरी से सीमायें सुरक्षित

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली जिले से सटी चीन सीमा पर स्थित बाड़ाहोती और रिमखिम सीमा चौकी का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आइटीबीपी जवानों के साथ दशहरा पर्व मनाकर उनकी समस्याओं को भी सुना। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा चौकियों में सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

चमोली (एजैन्सीज) :  केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड के चार दिवसीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के तीसरे दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली जिले से सटी चीन सीमा पर स्थित बाड़ाहोती और रिमखिम सीमा चौकी का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ विजयदशमी का त्यौहार मनाया। औली के सुनील आइटीबीपी कैंप में भी आइटीबीपी और सेना के जवानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। साथ ही शस्त्र पूजा में भाग लिया

आइटीबीपी के जवानों से बातचीत के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा चौकियों में सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनका कहना है कि यहां के सीमावर्ती गांवों के विकास को भी तेज गति दी जाएगी। इसके साथ ही गृहमंत्री ने जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आइटीबीपी जवानों के साथ बातचीत करने के बाद विश्वास कर सकते हैं कि दुनिया की कोई भी शक्ति उन्हें भारत की सीमाओं की रक्षा करने से नहीं रोक सकती है। वहीं गृहमंत्री अब सुनील आइटीबीपी कैंप से आइटीबीपी के औली स्कीइंग पर्वतारोहण संस्थान के कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। गृहमंत्री यहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ दौरे के दूसरे दिन देश के अंतिम गांव माणा पहुंचे और जवानों की हौसलाफजाई की। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ चाय-नाश्ता किया व उनकी समस्याएं भी सुनीं। उत्साहित जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए कहा कि देश सेवा के लिए वे सदैव तत्पर हैं। उनके साथ आइटीबीपी के महानिदेशक आरके पंचनंदा भी मौजूद रहे।

डोकलाम विवाद के बाद पहली बार सीमा पर पहुंचे गृहमंत्री ने जवानों से बातचीत में कहा कि सेना और अर्धसैनिक बलों को सुविधा संपन्न बनाने के लिए सरकार कृत संकल्प है। सीमा पर अत्यधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों को हल्के कपड़े और बेहतर कपड़े दिए जाएंगे।

उन्होंने जवानों को दीपावली और दशहरे की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने दशहरे पर सीमा पर जाना इसलिए चुना, क्योंकि हमारे जवान देश की रक्षा के लिए परिवार से दूर रहते हैं। उनका कहना है कि वह एक साल पहले भी आना चाहते थे, लेकिन समय नहीं मिल पाया। गृहमंत्री जवानों के साथ करीब एक घंटा रहे।

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