नैनीताल : कोविड का प्रभाव कम होने के बाद खुले सरकारी स्कूलों में पठन पाठन दुरुस्त करने को लेकर शिक्षा महकमे ने कसरत तेज कर दी है। इसके तहत अब शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इस संबंध में निदेशक, अपर निदेशक, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, डायट प्राचार्य को पत्र जारी किया है। लापरवाह शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पत्र के अनुसार वर्तमान में प्रदेश स्तर पर कोविड-19 संक्रमण में कमी आ गई है। विद्यालयों में भौतिक रूप कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर एवं पठन पाठन का शिक्षा अधिकारियों द्वारा अनुश्रवण किया जाना है। इस हेतु अपर निदेशक, सीमैप को राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाता है। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, प्राचार्य डायट के सहयोग से एक माह में विद्यालयों छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर का आकलन करते हुए सुधार हेतु एक कार्ययोजना तैयार करेंगे।
एससीईआरटी व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की फैकल्टी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आदर्श पाठ योजना प्रस्तुतीकरण करेंगे। इसके अलावा मंडल स्तर के अधिक पांच, मुख्य शिक्षा अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी 10, खंड शिक्षा अधिकारी 15 के साथ ही प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, उप शिक्षा अधिकारी अनुश्रवण के साथ-साथ प्रत्येक माह में एक दिन किसी एक विद्यालय में कक्षा शिक्षण करेंगे। साथ ही अनुश्रवण आख्या नोडल अधिकारी (अपर निदेशक सीमैट) को उपलब्ध कराएंगे। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा लीलाधर व्यास के अनुसार निरीक्षण शुरू हो चुके हैं। साथ ही कक्षा कक्ष में जाकर छात्रों का ज्ञान भी परखा जा रहा है।