विकासनगर। पछवादून में हर बरसात में रपटे व बरसाती नदियां ट्रैफिक रोकती हैं। ऊफान पर होने की वजह से किनारे पर खड़े होकर ग्रामीणों को पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता है। बारिश होते ही रपटों में आकर पानी आने से हादसे भी हो चुके हैं। क्षेत्रीय नागरिक बरसाती नदियों पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। गौना नदी के उफान पर आने से पांच गांवों के बाशिंदों के सामने आवागमन का संकट गहरा जाता है, वहीं शीतला नदी के रपटे के उफनने पर लांघा रोड पर यातायात बाधित हो जाता है। शीतला नदी पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा पुल का शिलान्यास तक किया गया, लेकिन आज तक शिलान्यास पत्थर ही लगा है, पुल का काम शुरू तक नहीं हुआ।
बारिश होने पर गौना नदी उफान पर आने पर पांच गांवों बड़वा, सोरना, डोभरी, गोडरिया आदि की करीब सात हजार की आबादी का आवागमन प्रभावित होता है। नदी का जल स्तर पर बढ़ने पर ग्रामीणों को अपने गांवों में कैद रहना पड़ता है। रुद्रपुर ही इन गांवों का व्यापारिक केंद्र है, जहां से भी संपर्क कट जाता है।
क्षेत्रीय ग्रामीण राजेश, नागेंद्र, संजय प्रजापति, सागर, चंदन सिंह, सुनीता, चंद्रपाल सुयाल, कलावती सुयाल ने बताया कि गौना नदी को पार कर छात्र-छात्राएं भी विद्यालय जाते हैं। समस्या बताने के बाद भी आज तक गौना व शीतला नदी के पुलों का निर्माण नहीं हुआ। जबकि शीतला नदी के पुल का शिलान्यास खुद सीएम रहे त्रिवेंद्र रावत कर चुके हैं। शिलान्यास के बाद भी पुल का निर्माण न होने से लोग अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात में नदी के उफान पर आने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है।
गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे उपचार के लिए नदी का जल स्तर कम होने तक घर में ही तड़पना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि अन्य बरसाती नदियों पर पछवादून में पुल बने हों। शीतला, स्वारना, रवासन, आसन नदियों पर भी कई जगहों पर पुल नहीं बने हुए हैं। ऐसे में नदियों के किनारे बसी बस्तियों के लोग बरसात में घरों में ही कैद हो जाते हैं। जिन्हें आवश्यक कामों के लिए घर से बाहर निकलना पड़ता है, वे जान जोखिम में डालकर उफनाई नदियों को पार करने को मजबूर रहते हैं। ग्रामीणों ने सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर व विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान से पुल निर्माण कराने की मांग की है।