धरासू बैंड के पास आया मलबा और बोल्डर, बड़े वाहनों की आवाजाही थमी, मौसम का जानें हाल

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उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आज भी प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। शुक्रवार रात की बारिश के कारण तापमान में गिरावट आ गई है। वहीं आज शनिवार सुबह गंगोत्री हाईवे धरासू बैंड के पास मलबा व बोल्डर आने से बंद हो गया।

छोटे वाहनों को कल्याणी धरासू फेड़ी मार्ग से डायवर्टकिया गया, लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही थमी हुई है। उत्तराखंड में चार दिन तक लगातार हिमपात से उच्च हिमालयी क्षेत्रों की चोटियां लकदक हो गई हैं। मार्च में जनवरी जैसी ठंड पड़ रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमवीर माइनस 20 डिग्री तापमान में ड्यूटी कर देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

मार्च में अमूमन ठंड समाप्त होकर गर्मी का अहसास होने लगता है। नवंबर से लेकर फरवरी तक हिमपात के बाद मार्च से बर्फ पिघलनी शुरू हो जाती है। इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मार्च में जमकर बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। बर्फबारी के चलते वहां तापमान माइनस-20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

कहां कैसा है मौसम का मिजाज
  • मसूरी में बारिश शुरू, शहर में ठंड में इजाफा।
  • विकासनगर, पछवादून में बारिश
  • हल्द्वानी में बादल छाए
  • बाजपुर में छाए है बादल।
  • अल्मोड़ा में रात से बारिश जारी।
  • पिथौरागढ़ में सुबह से बारिश।
  • बागेश्वर में हल्की बारिश जारी।
  • रामनगर में बारिश रुकने के बाद खिली धूप।
  • रुद्रपुर में बूंदाबांदी।
  • भवाली में बारिश रूकने के बाद हल्की धूप।
  • लोहाघाट में रात में बारिश के बाद हल्की धूप।

वहीं केदारनाथ क्षेत्र में पिछले कई दिनों से खराब मौसम और बर्फबारी से मुश्किलें बढ़ गई हैं। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भैरव गदेरा, कुबेर गदेरा और बड़ी लिनचोली के पास हिमखंड खिसकने से आवाजाही के लिए रास्ता बंद हो गया है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व लोक निर्माण विभाग के मजदूर बर्फ साफ करने में जुटे हैं। वहीं, मार्ग पर गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच क्षतिग्रस्त पुश्तों व रेलिंग की मरम्मत का काम भी जोरों पर चल रहा है। साथ ही जलसंस्थान द्वारा पेयजल लाइन बिछाई जा रही है।

केदारनाथ क्षेत्र में बीते 15 मार्च से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है, जिसके चलते पैदल मार्ग कई जगहों पर अति संवेदनशील हो गया है। मार्ग पर कई जगह हिमखंड खिसकर रास्ते पर आ गए हैं, जिससे वहां टनों बर्फ जमा होने से आवाजाही बंद हो गई है।

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