नहीं सूझ रहा खूनी बल्लीवाला फ्लाईओवर पर मौत रोकने का उपाय, बड़ रहें हैं हादसे

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accident in balliwala flyover dehradun no solution foundदेहरादून। खूनी फ्लाईओवर पर मौत का खेल रोकने के लिए सरकारी सिस्टम को कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। नतीजा यह है कि यहां हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। बीते दिनों यहां स्पीड ब्रेकर बनाकर भी हादसे रोकने का प्रयास हुआ, लेकिन इनका भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। अब कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि इस बेढंगे फ्लाईओवर पर हादसे रोकने की कोई युक्ति नहीं है। लिहाजा, इसे दिन में निश्चित समय के लिए बंद रखा जाए।

बल्लीवाला फ्लाईओवर बनने के बाद से ही विवादों में घिरा है। बनने के बाद से अब तक इस पर कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें 16 लोगों की जान जा चुकी है। दरअसल, विवाद कुछ और नहीं बल्कि इसका डिजाइन ही इस पर हादसों का कारण बना है। फोर लेन सड़क (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर यह फ्लाईओवर सब वे श्रेणी का बनाया गया, जिसकी चैड़ाई सामान्य सड़क से भी कम है।

इसको लेकर कई बार जांच की बातें भी उठीं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं आया। समय पर अस्थाई जुगाड़ भी किए गए। पिछले दिनों यहां एक हादसे के बाद जब मुख्यमंत्री ने दौरा किया तो अगले ही दिन 17 जगह मल्टी स्पीड ब्रेकर बना डाले गए। लेकिन, इसका विरोध हुआ तो इनकी संख्या आधी कर दी गई। स्पीड ब्रेकर बने और उखड़े लेकिन हादसों पर लगाम नहीं लग सकी। अब फिलहाल इसके लिए कोई उपाय किसी के पास नहीं है।

नौ घंटे तक बंद रखा जाए फ्लाईओवर

हादसों को देखकर कुछ विशेषज्ञ भी इसके संबंध में अपनी राय रख रहे हैं। सिविल इंजीनियर जीडीएस वार्ने ने बताया कि उन्होंने इसके बारे में काफी रिसर्च की है। लेकिन, ऐसी कोई तकनीक उन्हें नहीं मिली जिससे इस फ्लाईओवर पर स्पीड को कम किया जा सके। क्योंकि, इसके डिजाइन में ही बड़ी खामी है। ऐसे में सिर्फ एक ही उपाय है जिससे कुछ हद तक हादसों पर रोक लगाई जा सकती है। वह है कि इसे रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक बंद रखा जाए। कारण है कि देर रात ही यहां पर हादसे होते हैं।

संवेदनहीन है सरकारः जुगरान

खूनी फ्लाईओवर पर जनहित याचिका दायर करने वाले भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने सरकार को एक बार फिर संवेदनहीन बताया है। उनका कहना है कि यह आनन फानन में बनाया गया और नियम विरुद्ध फ्लाईओवर है। सरकार इसे चैड़ा करने को बजट का रोना रोती है, लेकिन सच तो यह है कि सरकार ने इसके लिए कभी केंद्र सरकार से कोई बजट मांगा ही नहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस तरह के फ्लाईओवर नहीं बनाए जाते हैं।

अब रात को भी पुलिस के पहरे में रहेगा बल्लीवाला फ्लाईओवर
बल्लीवाला फ्लाईओवर पर फिर हादसे में दो युवकों की मौत के बाद रविवार को एसपी ट्रैफिक ने फ्लाईओवर का मुआयना किया। यहां दुघर्टना के कारणों की नए सिरे से तलाश शुरू हो गई है। वहीं, तय किया गया है कि यह फ्लाईओवर अब रात को भी पुलिस की निगरानी में रहेगा।

रविवार को एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद्र आर्य ने एक बार फिर बल्लीवाला फ्लाई ओवर का निरीक्षण किया। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ ही वसंत विहार थानाध्यक्ष को भी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि दिन के समय पुल के समीप ट्रैफिक पुलिस दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए खड़ी रहती है। तेज और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों के खिलाफ चेकिंग अभियान भी चलाया जाता है। रात को थाने की पुलिस को नजर रखने को कहा गया है।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में पुल पर स्पीड वायोलेशन डिटेक्शन सिस्टम लगाने का सुझाव दिया गया था। इससे तेज गति से वाहन चलाने वाले का ऑटोमेटिकली चालान हो जाता है। जो वाहन स्वामी के पते पर भेजा जाता है। इस सिस्टम को लगाने की अनुमति के लिए दोबारा से जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया जाएगा। ताकि लोगों में इसका डर रहे। दुर्घटनाओं पर और अंकुश कैसे लगाया जा सकता है, इसके लिए एनएच के अधिकारियों से भी वार्ता की जाएगी। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि खतरनाक और अधिक तेज गति से वाहन न चलाएं।

लोनिवि का प्लान भी नहीं हुआ कामयाब

अप्रैल माह में हादसों के बाद चीफ इंजीनियर लोनिवि (एनएच) हरिओम शर्मा ने भी टीम को संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए थे। उस वक्त फौरी तौर पर कहा कि फ्लाईओवर की लंबाई 200 मीटर दोनों तरफ बढ़ानी होगी। लेकिन, अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल सका। चीफ इंजीनियर का अब कहना है कि लंबाई बढ़ाना फिजिबल नहीं था। इसलिए यह प्लान आगे नहीं बढ़ाया गया। ऐसे में अब कुछ और संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।

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