कोरोना की इस संकट की घड़ी में देहरादून जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। अस्पतालों में मरीजों को वेंटीलेटर और आईसीयू बेड तो दूर सामान्य बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन समेत अन्य दवाओं के लिए मारामारी है। स्थिति ये है कि साढ़े तीन हजार मरीजों में भी सारे सिस्टम का दम फूल रहा है। जिले में इस वक्त कोरोना के 9798 सक्रिय है, लेकिन गुरुवार तक इनमें से करीब साढ़े तीन हजार मरीज ही अस्पतालों में भर्ती थे। इन्हीं मरीजों को संभालने में सारे सिस्टम का दम फूल गया है। वार्ड में बेड मिलने के इंतजार में अस्पतालों की इमरजेंसी में कोरोना मरीज दम तोड़ रहे हैं। दून में यूपी के आसपास जिलों और राज्य के पहाड़ी जिलों के भी मरीज पहुंच रहे हैं।
ऐसे में मरीजों का दबाव है। देहरादून जिले के अस्पतालों में बेड की बहुत किल्लत हो गई है। रायपुर कोविड केयर सेंटर और कोरोनेशन जिला अस्पताल में ऑक्सीजन बेड लगाने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन सिस्टम की सुस्ती के चलते अब तक इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं। जिले में एक आंकड़े के मुताबिक 3521 मरीज इस वक्त अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटरों में भर्ती हैं। जिले में जो बेड खाली भी है, वह सामान्य बेड एक निजी अस्पताल में ही हैं। वहीं विकासनगर में आईसीयू बनाने का काम किया जा रहा है। लोग छोटे-छोटे अस्पतालों में भी इलाज कराने को मजबूर हैं। कई तो घरों में ऑक्सीजन सिलेंडर लगवा रहे हैं। इसके अलावा होम आइसोलेशन में भी काफी संख्या में मरीज इस वक्त हैं। कोरोनेशन में नई बिल्डिंग में 100 बेड की व्यवस्था है, लेकिन यहां पर डॉक्टरों और स्टाफ का अभाव है। ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए जा रहे हैं। बिजली आपूर्ति कराई गई है, लेकिन डॉक्टर एवं स्टाफ अभी नहीं मिला है। सीएमएस डॉ. मनोज उप्रेती कहते हैं कि डॉक्टर एवं स्टाफ मिलते ही ऑक्सीजन बेड पर मरीजों की भर्ती शुरू कर दी जाएगी। बेड उपलब्ध हैं, ऑक्सीजन सिस्टम तैयार किया जा रहा है। रायपुर कोविड केयर सेंटर में इस वक्त 450 बेड चल रहे हैं। यहां 60 सामान्य मरीज भर्ती हैं। करीब 200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है। सीएमएस डॉ. आनंद शुक्ला कहते हैं कि ऑक्सीजन सिलेंडर मिल गए हैं। स्टाफ की ड्यूटी भी लगा दी गई है। ऑक्सीजन सेटअप तैयार किया जा रहा है। बिजली एवं सीपीयू की व्यवस्था बनाई जा रही है, ताकि किसी तरह की दिक्कत न आएं। उम्मीद है दो दिन में ऑक्सीजन बेड शुरू हो जाएंगे।
। कुल कोविड बेड- 4355
। खाली- 834
। खाली- 749 (अकेले 600 बेड
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में)
। ऑक्सीजन बेड- 952
। खाली- 72 (22 ऑक्सीजन
बेड ऋषिकेश, 50 विकासनगर में खाली)
। आईसीयू बेड- 280
। खाली-14 (विकासनगर के दो अस्पतालों में 14 आईसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है)
। वेंटिलेटर- 287
। खाली- एक भी नहीं
। जिले में भर्ती मरीजों का ब्यौरा
। कुल भर्ती मरीज 3521
। सामान्य बेड में भर्ती 1184
। ऑक्सीजेन बेड में भर्ती 880
। आईसीयू में भर्ती मरीज 266
। वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज 287
। एक्टिव होम आइसोलेशन 1369
दून अस्पताल में लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। अस्पताल में 350 मरीज भर्ती है। अब बड़ी संख्या में मरीजों की मौत होने लगी है। गुरुवार को यहां करीब 12 मौत हुई। जिससे मोर्चरी फुल हो गई। शवों को परिजनों को सौंपने में मोर्चरी में तैनात कर्मचारी विजयराज के पसीने छूट रहे हैं। इमरजेंसी में भर्ती होने को मरीजों की लंबी लाइन थी। रायपुर से आए देवेश ने बताया कि वह एक परिचित को लेकर आए हैं। पहले एक निजी अस्पताल में गये थे, लेकिन वहां बेड नहीं मिला। यहां भी दो घंटे से इंतजार में है। आयुष्मान वार्ड में भर्ती एक मरीज की मौत हो गई। तब से भर्ती के इंतजार में एक मरीज इमरजेंसी से लाया गया और उन्हें यहां भर्ती किया गया। ऐसे हालात देखकर हर किसी की आंखें नम हो जाती है और हेल्थ केयर वर्कर असहाय सा नजर आता है।