देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर कोविड-19 से संबंधित टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए 11.25 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।
इनमें राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी, दून और श्रीनगर प्रत्येक के लिए 3.75 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इस राशि का उपयोग कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए आवश्यक मशीन और उपकरण क्रय करने के लिए किया जा सकेगा।
76 वेंटिलेटर से लैस होगा कोविड 19 अस्पताल
कोविड 19 सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी बहुत जल्द ही 76 वेंटिलेटर वाला कुमाऊं का पहला सरकार अस्पताल होगा। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को 25 नए वेंटिलेटर अस्पताल पहुंच गए हैं। एसटीएच 650 बेड का है। कोरोना के लिए 347 बेड का बनाया गया है। एसटीएच में मेडिसिन, सर्जरी, एनस्थीसिया और ट्रामा को मिलाकर अभी 36 वेंटिलेटर हैं।
केंद्र सरकार की ओर से बुधवार शाम को 25 वेंटिलेटर और आ गए हैं। 15 वेंटिलेटर अभी और मिलेगी। इतने वेंटिलेटर मिलने के बाद एसटीएच में 76 वेंटिलेटर हो जाएंगे।
वेंटिलेटर जरूरतमंद मरीजों को राहत देंगे
कोविड 19 खत्म होने के बाद यह वेंटिलेटर जरूरतमंद मरीजों को राहत देंगे। साथ ही सस्ते दरों पर उनको वेंटिलेटर की सुविधा भी मिल सकेगी। मरीजों को वेंटिलेटर के लिए निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि जो वेंटिलेटर आए हैं वो पोर्टेबल हैं। इनको दूसरी वार्डों में भी ले जा सकते हैं।
मई और जून में मिले कोरोना के सबसे अधिक केस
कोविड 19 के सबसे अधिक मामले नैनीताल जिले में मई और जून में आए। इन दो माह में कोविड 19 मरीजों का ग्राफ एकदम ऊपर पहुंच गया। बता दें कि फरवरी से ही कोविड 19 को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी थीं। फरवरी में विदेश से आए 11 लोगों की जांच की गई थी।
मार्च तक स्थिति सामान्य थी। अप्रैल में जिले में महज दस कोरोना पॉजिटिव केस थे। मई में प्रवासियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। साथ ही अनलॉक वन भी शुरू हो गया। मई में जिले में 301 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए, जबकि जून में 201 केस सामने आए। जुलाई में भी पॉजिटिव केस आने का सिलसिला जारी है।