साइबर ठगी में टेक्निकल एक्सपर्ट से पहले कुछ अन्य कीे गिरफ्तारी संभव

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  • देहरादून। आशीष बडोला।
    पुलिस अभी तक एक महिला सहित कुछ साइबर ठगों को जरूर गिरफ्तार करने में सफल रही है। मगर ध्यान देने वाली बात ये है कि इनमें से एक भी आरोपी टेक्निकल एक्सपर्ट नहीं है। पकड़े गए आरोपियों में किसी ने भी दसवीं तक पास नहीं किया है। हो सकता है कि टेक्निकल एक्सपर्ट किसी महानगरी से जुडे़ हो। मगर ये पूरी तरह साफ हो चुका है कि पकड़े गए आरोपियों के तार साइबर मास्टर मांइड से बहुत दूर है। इनके बीच जरूर कुछ अन्य लोगों का हस्तमक्षेप हैं, ये ही पकड़े गए आरोपियों और मास्टर माइंड के बीच की कड़ी है। है। इनकी गिरफ्तारी होने के बाद ही पुलिस मुख्य आरोपी यानी मास्टर माइंड तक पहुंच सकेगी।
  • गौर करने वाली बात
    जब कोई बिल्डिंग तैयार होती है, तो उसमें सबसे ज्यादा मेहनत और रिस्क एक मजदूर को उठाना पड़ता है। मगर बिल्डिंग का ढ़ाचा और उसकी ऊंचाई व डिजाइन पेशेवर इंजीनियर तैयार करता है। ऐसे में जरूरी नहीं कि ऊंचाई पर पलस्तर करने वाला मजदूर प्रत्यक्ष तौर पर इंजीनियर को पहचानता हो।
  • एक नजर इधर भी
    ऐसे में साफ हो जाता है कि पकड़े गए आरोपियों के लिए जेल जाना एक रिस्क था। मगर एक पढ़े लिखे साइबर एक्सपर्ट के लिए जेल जाना शर्म की बात हो सकती है।   साइबर चोरी के इस मामलें में अभी कुछ और गिरफ्तारी होनी बाकी है। हो सकता है कि ये लोग मुंबई, दिल्ली या चेन्नई से संबंध रखते हों, या फिर पकड़े गए आरोपियों के कोल्हापुर स्थित पड़ोसियों का कोई रिश्तेदार हो, जो साइबर दिग्गज हो, और उसके ही किसी करीबी के कहने पर इन लोगों ने इस अपराध को अंजाम दिया हो।
  • पुलिस को करनी होगी  मशक्कत
    पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने में थोड़ा समय जरूर लगाया हो। मगर पुलिस ने एक-एक कड़ी की गहनता से जांच करते हुए आरोपियों को सलाखों के पीछे पहंुचा दिया है। मगर सवाल ये उठता है कि अभी तक पुलिस साइबर ठगी के इस मामलें में मास्टर माइंड तक क्यों नहीं पहुंच सकी है। जिस व्यक्ति ने पूरे दून शहर की नींद उड़ा दी हो, वो कोई मामूली नहीं बल्कि कोई दिमागी शातिर है। वहीं एसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि दो आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं, पुलिस कार्रवाही में जुटी है। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
  • क्य है मामला: जरूर पढ़े
    जुलाई महीने में दून के कुछ एटीम मशीनों से रूपये निकाले जाने की बात सामने आई। जब लोगों को पता चला कि उनके बैंक एटीम से रकम निकाली गई है, तो शहर में एक-एक कर एटीम ठगी के मामलें सामने आये। जिसमें करोड़ों की रकम 103 एटीएम कार्डों का क्लोन तैयार कर 97 कार्डों से रकम निकाले जाने की बात पुख्ता हुई है। वहीं इस मामलें में बैंक के आला अधिकारियों की नींद भी उड़ गई थी। पुलिस दातों तले नाखून चबाती नजर आई, आखिर इतना बड़ा शातिर कौन है, जो एटीम धाराकों के नकली एटीम बनाकर खातों से रकम उड़ा रहा है। काफी मशक्कत करने के बाद पुलिस ने कुछ ठगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। वहीं बीते रोज पुलिस ने तीन और ठगों को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया है।
  • पुलिस अभी इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इसमें अहम भूमिका एसटीएफ एसपी अजय सिंह और उनके सहयोगी कर्मियांे ने निभाई है। पुलिस ठगी के साइबर एक्सपर्ट की गिरफ्तारी में तानाबाना बुन रही है। पुलिस समझ चुकी है, कि इस शातिर साइबर एक्सपर्ट को पकड़ना काफी मुश्किल है। जिस तक पहुंचने में पुलिस को काफी समय लग सकता है, ऐसे में पुलिस दूनवासियों को सोशल मीडिया में अलर्ट करती दिख रही है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती अपने ट्वीटर एकाउंट से सभी को निजी बैंक खाते की जानकारी और एटीएम कार्ड किसी को न देने की सलाह से जुड़े ट्वीट करने पर लगी है। क्योंकी कप्तान भी अच्छें से जानती हंै, अभी साइबर ठगी के मुख्य आरोपी से लोगों को जागरूकता से ही बचाया जा सकता है।

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