देहरादून। स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या दहाई के आंकड़े पर पहंुच चुकी है। मगर स्वास्थ्य विभाग इस ओर कुछ खास कदम उठाते नहीं दिख रहा है। जनवरी से अब तक कुल 43 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
मौसम में नमी स्वाइन फ्लू के वायरस के लिए मुफीद साबित हो रही है। दून में लगातार स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ रहे हैं। बीती 27 जुलाई को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में बैरागीवाला निवासी 29 वर्षीय युवक की उपचार के दौरान मौत हुई थी। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल से प्राप्त रिपोर्ट में मृतक की मौत स्वाइन फ्लू से होने की पुष्टि हुई है।
इसके अलावा स्वाइन फ्लू से पीड़ित सहारनपुर निवासी 38 वर्षीय एक महिला की अप्रैल में श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में मौत हुई थी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग यह कहकर इन्कार करता रहा कि महिला का सैंपल जांच के लिए दिल्ली नहीं भेजे गए। जबकि अस्पताल का कहना था कि महिला की जांच उनकी लैब में हुई और यह लैब एनसीडीसी से प्रमाणित है। बहरहाल विभाग ने अब इसे मान्यता दे दी है। इसके अलावा एसएमआइ अस्पताल की लैब की रिपोर्ट को भी विभाग अपनी सूची में शामिल कर रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तारा चंद पंत ने बताया कि जिन 43 मामलों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, उनमें 31 मरीज देहरादून और सात अन्य जनपदों से हैं। पांच मरीज बाहरी राज्यों से यहां आए हैं। मृतकों में नौ मरीज देहरादून और एक पौड़ी से है। हाल में 23 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।