कंडी मार्ग को लेकर त्रिवेंद्र सरकार बैकफुट पर- पीएम तक पहुंचा मामला

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड में कंडी मार्ग एक बार फिर चर्चाओं में है. कुमांऊ और गढ़वाल के बीच पहाड़ की तलहटी से गुजरने वाले पहाड़ और मैदान को विभाजित करने वाली ये सड़क कभी सबमाउंटेन रोड के नाम से जानी जाती थी। सरकारी रिकॉर्ड में इस सबमाउंटेन रोड को आधार बनाकर ही सरकारी कार्मिकों को पर्वतीय भत्ता दिया जाता था।

उत्तराखंड में कंडी मार्ग गढ़वाल से कुमाऊं जाने के लिए सबसे सुगम मार्ग है। यूपी से होकर गुजरने वाला वर्तमान प्रचलित मार्ग नजीबाबाद-रामनगर की अपेक्षा कंडी मार्ग 85 किलोमीटर कम है, लेकिन पहले कार्बेट और फिर राजाजी नेशनल पार्क की स्थापना होने के बाद इसका बड़ा हिस्सा पार्क क्षेत्रों में आ गया और ये मार्ग आम आवाजाही के लिए बंद कर दिए गए। दशकों से इस मार्ग को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए खोलने की मांग उठती रही है। कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक आंदोलन भी चले, लेकिन वाइल्ड लाइफ एक्ट और फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के सख्त प्रावधान इसके आड़े आ गए। मार्ग को वाइल्ड लाइफ के लिए खतरा बताते हुए कई बार मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया।

उत्तराखंड के लिए इंट्रास्टेट मार्ग का काम करेगा कंडी मार्ग
उत्तराखंड बनने के बाद और भी शिददत से इस मार्ग की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। कारण है कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में बंटे उत्तराखंड में एक मंडल से दूसरे मंडल को जाने के लिए कोई इंट्रास्टेट मार्ग नहीं है। इसके लिए यूपी के नजीबाबाद-नगीना-धामपुर से होकर गुजरना पड़ता है। इसका बड़ा प्रभाव उधोगों के साथ ही व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ता है।

वन मंत्री के लिए कंडी मार्ग बना है प्रतिष्ठा का सवाल
वर्ष 2017 में राज्य में भाजपा सरकार बनते ही कंडी मार्ग की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ा। इसका कारण था कि भाजपा ने 2017 में जो मैनीफेस्टो जनता के बीच जारी किया था, उसमें कंडी मार्ग का निर्माण प्राथमिकता में बताया गया था। जबकि प्रदेश के वन मंत्री जिस कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से आते हैं वो इससे सबसे अधिक प्रभावित होने वाला क्षेत्र है। कोटद्वार में सिगडडी में ग्रोथ सेंटर है तो जशोधरपुर में दर्जनों स्टील फैक्टरियां हैं। इन फैक्टरियों के लिए कच्चा माल और फिर इनका उत्पाद दोनों के ही ट्रांसपोर्टेशन में कंपनियों को यूपी में भी टैक्स देना होता है। जबकि उधोगपति भी चाहते हैं कि हर हाल में कंडी मार्ग का निर्माण हो।

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