देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने व प्लास्टिक वेस्ट के उपयोग की ओर कदम बढ़ा दिये गये है।। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री डा. हर्षवर्धन द्वारा आज आईआईपी में जहंा प्रायोगिक व्यवसायिक यूनिट का उद्घाटन किया गया वहीं नगर निगम द्वारा मौहल्ला समितियोें व व्यापारिक संगठनों की बैठक बुलाकर उनसे पालीथीन व प्लास्टिक का प्रयोग रोकने के लिए सुझाव लिये गये।
केन्द्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन ने आज यहंा सूबे के पहले ऐसे यूनिट का उद्घाटन किया गया जो प्लास्टिक के कचरे से डीजल बनाने का काम करेगा। इस यूनिट को भारतीय पेट्रोलियम विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इस प्रायोगिक व्यवसायिक यूनिट द्वारा एक दिन में प्लास्टिक के कचरे से 800 लीटर डीजल तैयार किया जायेगा।। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी मौजूद रहे। उन्होने कहा कि यह अभी पहला प्रायोगिक यूनिट है इसकी सफलता के बाद राज्य में ऐसे और भी कई यूनिट लगाये जायेगें।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्लास्टिक के कचरे का निस्तारण एक बड़ी समस्या रहा है लेकिन वैज्ञानिकों ने इसका निस्तारण और उसके उपयोग के नये तरीके खोज लिये है। जिससे दोहरा फायदा हो सकेगा। एक तरफ प्लास्टिक कचरे का निस्तारण आसानी से हो सकेगा वहीं दूसरे इससे डीजल बनाकर उसका उपयोग किया जा सकेगा। आज जिस यूनिट का उद्घाटन किया गया है उसकी क्षमता 800 लीटर डीजल बनाने की है। उन्होने कहा कि प्लास्टिक के कचरे के उचित निस्तारण से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।