देहरादून। संवाददाता। प्रदेश के किसानों के लिए राहत की खबर है। कृषि विभाग भी वन्यजीवों से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करेगा। कृषि निदेशालय ने प्रस्ताव पारित कर शासन को भेज दिया है। शासन से हरी झंडी मिलते ही किसानों को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रदेश के तकरीबन 71 फीसद भू भाग पर जंगल हैं। इसकी वजह से पर्वतीय और मैदानी जिलों में लगभग सभी गांव और खेत जंगल से सटे हुए हैं। जंगल से सटे गांवों को वन्यजीवों के आतंक का नुकसान उठाना पड़ता है। आए दिन हाथी, नील गाय, जंगली सुअर आदि वन्यजीव फसल चैपट कर देते हैं। 2012-13 से अभी तक वन्यजीवों ने तकरीबन 5-6 हजार हेक्टेयर फसल नष्ट की। वहीं पशुपालकों और किसानों के 31 हजार मवेशियों को निवाला बनाया। वन्यजीवों ने 2017-18 में ही 12,546 पशुओं को निवाला और 1497.779 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचाया है।
वन विभाग ने करीब 78.75 लाख रुपये मुआवजा दिया। फसलों को नुकसान होने पर वन विभाग मुआवजा देता है। यह मुआवजा रकम किसान के लिए नाकाफी साबित होती है। इस वजह से किसान खेती को छोड़ रहे हैं। खेती को बढ़ावा देने के मकसद से कृषि विभाग ने भी फसलों का मुआवजा देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें किसानों के लिए अलग-अलग फसल पर मुआवजा दिया जाना है।