देहरादून। संवाददाता। दिपावली रोशनी और खुशियों का त्योहार है, मगर ध्यान रहे इस खुशी के बीच आपके बच्चों की तबियत न बिगड़ जाये, आप जहां से भी मिठाई ले, पहले मिठाई की अच्छे से पड़ताल कर ले, कही आपकी मनपंसद मिठाई में नकली मावा तो नहीं मिलाया गया है। आपसे मावा, दूध, पनीर और घी के पूरे पैसे तो लिए जाएंगे, लेकिन बदले में मिलेगी बीमारी।
जैसे-जैसे दिन नजदीक आएंगे, दुग्ध एवं अन्य खाद्य पदार्थों की मांग भी जोर पकड़ती जाएगी। इस मांग को पूरा करने के लिए मिलावटखोर मौके का फायदा उठाएंगे।
नकली मिठाई और सिंथेटिक मावे से गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। त्योहार के वक्त दून में प्रतिदिन डेढ़ से दो टन मावे की खपत होती है।
इसकी आपूर्ति उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहानरपुर व हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र से होती है। जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश से आने वाले मावे में अधिकांश सिंथेटिक होता है। अगर आप भी इन मिठाइयों से अपनी खुशियों में चार चांद लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो संभल जाइए।