इण्डियन इन्सटीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, देहरादून की छात्रा जयंती को जर्मनी में मिलेगा ग्रीन टेलेंट पुरस्कार

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देहरादून (संवाददाता) :  इण्डियन इन्सटीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, देहरादून की शोध छात्रा जयंती त्रिवेंदी को ग्रीन टेलेंट पुरस्कार के लिए चुना गया है।  पुरस्कार में ‘‘ग्रीन टेलेन्ट्स- इंटरनेशनल फोरम फॉर हाई पोटेन्शियल्स इन सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट’ का टिकट शामिल है। इस अवार्ड के लिए देश से तीन लोगों का चयन किया गया है, जिसमें एक उत्तराखंड से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में पीएचडी की छात्रा जयंती त्रिवेदी शामिल है। इसके अलावा रमा कांत दूबे (पीएचडी छात्र, एनवायरनमेंटल साइन्स एण्ड टेकनोलोजी-बीएचयू वाराणसी), जयंती त्रिवेदी, और प्रतीक्षा श्रीवास्तव (एमटेक बायोटेक्नोलॉजी, सीएसआईआर- इन्सटीट्यूट ऑफ मिनरल्स एण्ड मटीरियल्स टेकनोलॉजी, भुवनेश्वर) इस अवार्ड के लिए चुने गए हैं।

जर्मन अनुसंधान मंत्री प्रोफेसर जोहान्ना वांका के नेतृत्व में ग्रीन टेलेन्ट अवार्ड नौंवी बार युवा प्रतिभाशाली अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित कर रहा है। यह मंच उन्हें हरित एवं रचनात्मक विचारों को प्रस्तुत करने का एक मौका प्रदान करता है जिससे दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाया जा सके। इस साल विशेष रूप से ‘‘स्थायी उत्पादन एवं उपभोग’ पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। ग्रीन टेलेन्ट्स को दो महीनों के लिए जर्मनी में एक अनुसंधान का अवसर भी मिलेगा। ये वहां अग्रणी विशेषज्ञों और जाने -माने अनुसंधान संस्थानों और कम्पनियों के साथ इन्टरैक्ट कर सकेंगे।

इस अवार्ड में युवा प्रतिभाशाली अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है। इस साल अवार्ड के लिए विशेषज्ञों की एक हाई रैंकिंग जूरी ने 95 देशों से आए 602 आवेदनों में से 25 वैज्ञानिकों को चुना है। इस साल यह अवार्ड स्थायी उत्पादन एवं उपभोग पर केंद्रित किया जाएगा। अवार्ड से सम्मानित वैज्ञानिकों को दो महीनों के लिए जर्मनी में एक अनुसंधान का अवसर भी मिलेगा। साथ ही इन वैज्ञानिकों को कई विशेषज्ञों और जाने माने अनुसंधान संस्थानों व कंपनियों के साथ संवाद का मौका मिलेगा।

इसके अलावा विजेताओं को 2018 में जर्मनी में अपनी पसंद की एक कंपनी में अनुसंधान का मौका मिलेगा, जिसका खर्च ग्रीन टैलेंट की ओर से उठाया जाएगा। सम्मान समारोह में विभिन्न संस्थानों के वरिष्ठ सदस्य, जूरी सदस्य, दूतावासों के प्रतिनिधि आदि शिरकत करेंगे। पुरस्कार समारोह का आयोजन बर्लिन की फेडरल मिनिस्ट्री में होगा।

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