अब बेंगलुरू से नहीं खरीदने पडेंगे रेशम कीट के अंडे; प्रदेश में ही होंगे तैयार-कृषि मंत्री सुबोध उनियाल

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देहरादून (संवाददाता) :  प्रदेश में अब रेशम कीट के अंडों का आयात नहीं करना पड़ेगा। प्रेमनगर में रेशम बीजागार बनाने की तैयारी हो गयी है। अब रेशम कीट के अंडे यहीं तैयार होंगे। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को रेशम निदेशालय प्रेमनगर परिसर में केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सहयोग से निर्मित रेशम बीजागार भवन का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि रेशम बीजागार बनने से स्थानीय स्तर पर रेशम कीट के अंडों का उत्पादन किया जा सकेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर उत्पादित बीज के कारण अच्छा उत्पादन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक रेशम कीट के अंडे बेंगलुरू से खरीदे जा रहे थे जो स्थानीय परिस्थितियों में ठीक से नहीं ढल पाते थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने रेशम के रॉ मैटेरियल की बिक्री में 37 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का निर्णय लिया है। हर किसान का बीमा करने के लिए विभाग को निर्देश दिये गये हैं।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक वर्ष लक्ष्य निर्धारित कर उसे हर हाल में हासिल करने के निर्देश दिये। रेशम कोया के लिए इस वर्ष 10 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर सचिव उद्यान डी. सेंथिल पांडियन ने कहा कि रेशम बीजागार बनने से रेशम उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, पलायन रोकने में भी कारगर होगा तथा प्रधानमंत्री के 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य की भी प्राप्ति होगी।

उन्होंने कहा कि रेशम उत्पाद में लगे लोगों की मूलभूत समस्याओं को समझते हुए उसका निराकरण किया जा रहा है तथा मार्केटिंग की उचित व्यवस्था के साथ-2 कृषि बागवानी प्रोजेक्ट में रेशम को भी शामिल करते हुए कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर स्थानीय विधायक हरबंश कपूर, केंद्रीय रेशम बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सिद्दिकी, उद्यान विभाग के निदेशक डा. बीएस नेगी, रेशम विभाग के निदेशक एसके यादव, संयुक्त सचिव उद्यान रमेश कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक व किसान मौजूद थे। 

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