देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल की बिजली लाइनें भूमिगत होंगी, यहाँ नहीं दिखेंगे खंभों पर झूलते बिजली के तार

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देहरादून : आने वाले समय में देहरादून, हरिद्वार तथा नैनीताल में आसमान में झूलते बिजली के तार नहीं दिखेंगे। क्योंकि सभी तारों को भूमिगत करने की प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है। उत्तराखंड ऊर्जा निगम की तरफ से इसके लिए एडीबी को लोन के लिये प्रस्ताव भेजा गया है।

एडीबी की स्वीकृति के बाद तीनों जिले के बिजली के तार अब भूमिगत हो जायेंगे। गौरतलब है कि पूरे देश की बिजली व्यवस्था सुधार के तहत इसकी प्रक्रिया शुरू की गई है। स्मार्ट सिटी की सुविधाओं में भी भूमिगत बिजली की तारें अहम हैं। इस दृष्टिकोण से तीन जिलों में यह योजना शुरू की गई थी। शुक्रवार को एडीबी को यह प्रस्ताव भेजा गया। केंद्र सरकार से मिली मंजूरी के बाद अगर एडीबी ने भी मुहर लगा दी तो इसके लिए लोन मिलना आसान हो जाएगी।

केंद्र सरकार से मंजूरी तथा यूपीसीएल की प्रतिबद्धता तथा एशियन डेवलपमेंट बैंक से मिले पैसे की बदौलत तीनों जिलों में इस योजना को शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बीते मई महीने में केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दी थी। केंद्रीय ऊ र्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल देहरादून भ्रमण के दौरान इसे स्वीकृति मिली थी।

जानकारी के मुताबिक तीनों के लिए 18000 खर्च कर इसे लागू करने का प्रस्ताव है। सिर्फ देहरादून जिले में 980 करोड़ रपए खर्च किए जाने का अनुमान है। अगर वित्त की व्यवस्था हो जाती है तो आने वाले समय में इसकी शुरुआत की जाएगी।बिजली कर्मचारियों को दिया गया प्रशिक्षणपावर फाइनेंस कारपोरेशन अधिकारियों ने शुक्रवार को बिजली कर्मचारियों तथा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।

इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम बैठक के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया गया। दिल्ली से आए अधिकारियों ने अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के अधिकारियों को टिप्स दिए। इस दौरान स्मार्ट ग्रिड के प्रशिक्षण के साथ ही बिजली के डाटा के रखरखाव उनके संचालन के बारे में जानकारी दी गई। प्रदेश से कुछ कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण के लिए बाहर भेजे जाने की योजना भी है। 

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