भारत के सख्त विरोध के बाद फलस्तीन की कार्रवाई, हाफिज के मंच में बैठने वाले राजदूत की छुट्टी

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फलस्तीन के पाकिस्तान स्थित राजदूत वलीद अबू अली ने शुक्रवार को रावलपिंडी में हाफिज सईद की रैली में शिरकत की थी। इस रैली में हाफिज सईद भी मौजूद था। रैली में अमेरिकी समेत कई गैर इस्लामी देशों और साथ ही भारत की भी निंदा की गई।

नई दिल्ली : फलस्तीन ने पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद से मुलाकात करने वाले अपने राजदूत पर कार्रवाई की है। भारत के सख्त दबाव के बाद फलस्तीन ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। फलस्तीन सरकार के इस कदम से उसके इस्लामाबाद स्थित राजदूत के साथ पाकिस्तान को भी यह जरूरी सबक मिला है कि वह आतंकी सरगना हाफिज सईद का इस्तेमाल कर भारत और फलस्तीन के संबंधों को प्रभावित नहीं कर सकता और न ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर के हालात फलस्तीन जैसे बताने का दुष्प्रचार कर सकता है।

दरअसल, फलस्तीन के पाकिस्तान स्थित राजदूत वलीद अबू अली ने शुक्रवार को रावलपिंडी में हाफिज सईद की रैली में शिरकत की थी। इस रैली में हाफिज सईद भी मौजूद था। रैली में अमेरिकी समेत कई गैर इस्लामी देशों और साथ ही भारत की भी निंदा की गई।

फलस्तीनी राजदूत की यह हरकत न केवल भारतीय हितों की अनदेखी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय तौर पर घोषित एक आतंकी का खुला समर्थन भी है। ज्ञात हो कि इस माह के प्रारंभ में भारत ने यूएन जनरल एसेंबली मेँ आए उस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था जिसमें यरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को वहीं स्थानांतरित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की गई थी।

हालांकि उक्त प्रस्ताव के पक्ष में भारत समेत 127 देशों ने वोट दिया था, लेकिन विदेश नीति के कई जानकारों का कहना था कि भारत को अमेरिका और इजराइल के खिलाफ जाने के बजाय इस वोटिंग से अनुपस्थित रहना चाहिए था। फलस्तीनी राजदूत की हरकत के बाद यह नजरिया सही जान पड़ रहा है। माना जा रहा है कि फलस्तीन के पाकिस्तान स्थित राजदूत ने हाफिज सईद की रैली में शामिल होने का काम भारत और अमेरिका को चिढ़ाने के लिए किया है।

वह इससे अच्छी तरह अवगत हैं कि इस आतंकी सरगना पर पर कैसे गंभीर आरोप हैं, किस तरह उसे मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है और अमेरिका ने किस तरह उस पर ईनाम घोषित कर रखा है? अंतरराष्ट्रीय शिष्टाचार को ताक पर रखते हुए फलस्तीनी राजदूत ने हाफिज सईद की रैली को संबोधित भी किया। उनकी इस हरकत के पीछे पाकिस्तान की शह मानी जा रही है, क्योंकि वह भारत को मुस्लिम देशों के विरोधी के तौर पर पेश करने की ताक में रहता है और बीते कुछ समय से इससे परेशान है कि उसकी तुलना में सऊदी अरब, ईरान, यूएई आदि देश भारत को कहीं अधिक महत्व क्यों दे रहे हैं।

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