हरिद्वार। हरिद्वार-लक्सर रेलखंड दोहरीकरण का कार्य पूरा हो गया है। सबकुछ योजना मुताबिक रहा तो आठ जनवरी से रेलखंड पर ट्रेनें फर्राटा भरने लगेंगी। इससे हरिद्वार-लक्सर के बीच की दूरी कम होने के साथ-साथ कुंभ जैसे बड़े आयोजनों को निर्विघ्न संपन्न कराने में भी सहूलियत होगी। दोहरीकरण से वर्तमान में चल रही ट्रेनों के समय में सुधार के साथ नई यात्री ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी।
रेल बजट में घोषित हरिद्वार-लक्सर रेलखंड दोहरीकरण का कार्य बीते कुछ सालों से चल रहा है। 327.97 करोड़ की लागत से 27.03 किलोमीटर दोहरीकरण के पहले चरण (लक्सर-एक्कड़) का कार्य 2019 में पूरा हो चुका है। दूसरे चरण (एक्कड़-हरिद्वार) का कार्य पहले मार्च 2019 और फिर मार्च 2020 तक पूरा करने का दावा किया गया था।
ज्वालापुर-लालपुल के पास एनएचएआइ की ओर से निर्माण कार्य कराए जाने के चलते रेलवे अधिकारियों ने समयावधि बढ़ाकर जून 2020 कर दी थी, लेकिन नियत समय पर काम पूरा नहीं हुआ। सात जनवरी तक नॉन इंटरलॉक का कार्य पूर्ण होने और चीफ ऑफ रेलवे सेफ्टी की हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
हरिद्वार-लक्सर के बीच छह स्टेशन
हरिद्वार-लक्सर के बीच छह छोटे स्टेशन हैं। इनमें हरिद्वार,ज्वालापुर, इक्कड़, पथरी, ऐथल और लक्सर स्टेशन शामिल हैं। पहले सिंगल ट्रैक के चलते ट्रेनों को बीच के स्टेशनों पर रोकना पड़ता था।
इससे गति पर ब्रेक लगने के साथ समय की भी बर्बादी होती थी।
उत्तर रेलवे के ट्रैफिक इंस्पेक्टर अजीत सिंह ने बताया कि हरिद्वार-लक्सर रेलखंड पर दोहरीकरण का कार्य कमोबेश पूरा हो गया है। सात जनवरी तक नॉन इंटरलॉक कार्य पूर्ण होते ही आठ जनवरी से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।