एनजीटी की टीम पहुंची राजाजी टाइगर रिजर्व, पार्क से सटे इलाकों में रिसार्ट बनने की मिली थी शिकायत

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हरिद्वार: प्रतिबंध के बावजूद नियम विरुद्ध राजाजी नेशनल पार्क और उससे सटे इलाकों में होटल, रिसार्ट और बार आदि बनाने के मामलों की शिकायत की जांच को एनजीटी की टीम राजाजी टाइगर रिजर्व पहुंची है। आरोप है कि रिसार्ट व कैंपिंग साइट में अधिकतर के पास पार्क की एनओसी नहीं है।

कार्बेट टाइगर रिजर्व की तरह राजाजी टाइगर रिजर्व भी पर्यटकों की सैरगाह के रूप में जाना जाता है। इधर के वर्षों में पर्यटको की लगातार आवाजाही ने पार्क क्षेत्र से सटे कई राजस्व गांवों में कई रिसार्ट बन ग‌ए है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में कई कैंपिंग साइट भी बन गई हैं।

यहां पर अक्सर पर्यटकों की आवाजाही से वन क्षेत्रों के नियम का भी उल्लंघन देखने को मिल रहा है। इसको देखते हुए एनजीटी ने अब कड़ा रुख अपनाया है। एनजीटी ने एक समिति गठित कर क्षेत्र में मौजूद रिसार्ट और कैंपिंग साइटो की जानकारी मांगी है।

इस मामले में बुधवार को उत्तराखंड पहुंची समिति ने गंगा भोगपुर क्षेत्र में कई रिसार्ट का निरीक्षण किया। टीम की ओर से निरीक्षण के बाद क्षेत्र में चल रहे रिसार्ट वह कैंपिंग साइट में हड़कंप मचा हुआ है।

राजाजी की सीमा के भीतर स्थित राजस्व ग्रामों में बनें रिसार्ट वह कैंपिंग साइट वन महकमे के नियमों का खुला उल्लंघन कर रही है। पार्क का यह क्षेत्र बाघों के आशियाने के रूप में भी विख्यात है।

ऐसे में यहां स्थापित इन रिसार्ट के पास अन्य विभागों की एनओसी तो है, मगर सबसे महत्वपूर्ण जिस स्थान पर यह बने हुए हैं । वहां स्थित राजाजी टाइगर रिजर्व की एनओसी केवल कुछ लोगो के पास ही है । नीलकंठ ,घटटू घाट, रत्तापानी क्षेत्र के साथ ही विंध्यवासिनी क्षेत्र में बने रिसार्ट भी हमेशा से चर्चा में रहे हैं।

बताया जा रहा है कि टीम इन सभी रिसार्ट का आकलन कर उनकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजेगी। उसके बाद जो भी लोग पर्यटन के नाम पर अवैध गतिविधियों में संचालित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी । पार्क की सीमा से सटे किमसार मार्ग में बने एक रिसोर्ट भी चर्चा में बना हुआ है । इन सभी को लेकर जल्दी टीम अपना निरीक्षण कर रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेगी।

इस संबंध में प्रशांत हिंदवाण (वार्डन राजाजी टाइगर रिजर्व) ने बताया कि एनजीटी की ओर से एक समिति गठित की गई थी। उसी के तहत आज पार्क की सीमा से सटे रिसार्ट व कैंपिंग साइट की जांच की गई। जल्द अन्य क्षेत्रों में भी जांच टीम जाकर जांच करेगी। इस मामले में जो भी रिसार्ट व कैंपिंग साइट मानकों के विपरीत चल रहे होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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