हरिद्वार। राज्य में आयुष्मान योजना के तहत इलाज कर रहे फर्जी मेडिकल कॉलेज का खुलासा हुआ है। हरिद्वार के आरोग्यम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने सरकार को मेडिकल कॉलेज होने की जानकारी दी थी, लेकिन एमसीआई की सूची में हॉस्पिटल का नाम ही नहीं है। ऐसे में अब हॉस्पिटल में इलाज पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया गया है।
इसके अलावा अस्पताल में मरीजों के इलाज में भी भारी गड़बड़ियां पकड़ी गईं हैं। अटल आयुष्मान योजना में अब तक10 से अधिक अस्पतालों में इलाज के नाम पर कई तरह की गड़बड़ियां पकड़ी गई है। आयुष्मान सोसायटी के निदेशक प्रशासन अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज द्वारा दी गई गलत जानकारी और इलाज में बरती गई लापरवाही के बाद हॉस्पिटल में इलाज पर रोक लगा दी गई है। 15 दिन का नोटिस दिया गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के साथ ही रात 12 बजे के बाद कई ऑपरेशन दिखाए गए हैं। एक ही ओटी में एक ही दिन में कई-कई ऑपरेशन दिखाए गए हैं, जबकि पैकेज और उपचार में कई खामियां पकड़ी गई हैं। इस हॉस्पिटल के संचालक का नाम मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव हैं।
318 में से 76 मरीजों का इलाज बिना इजाजत रू अस्पताल में इलाज कराने वाले कुल 318 मरीजों में से 76 मरीजों का इलाज बिना अटल आयुष्मान सोसायटी की इजाजत के किया गया। योजना में इलाज से पहले अस्पतालों को पहले अनुमति लेनी होती है।
आयुष्मान मित्र के कब्जे में मिले 36 कार्ड
हैरानी की बात है कि हॉस्पिटल में तैनात आयुष्मान मित्र राजेश सिंह के कब्जे में 36 मरीजों के आयुष्मान कार्ड मिले हैं। जबकि मरीज हॉस्पिटल में नहीं थे। ऐसे में अब सवाल खड़ा हो गया है कि राजेश के पास इतने मरीजों के कार्ड कहां से आ गए। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि हॉस्पिटल में फर्जी क्लेम और इलाज दिखाने के लिए कार्ड अपने कब्जे में रखे थे। इसके अलावा अस्पताल में जिन मरीजों के इलाज का दावा किया गया, उनमें से कई मरीज ऑडिट के दिन अस्पताल में नहीं मिले।