उत्तराखंड ‘लव जिहाद’ : पहले भी हिंदू लड़की से शादी, फिर ज्योति को भी फाँसा: बेटियों को इस्लामी परवरिश, न्याय के लिए भटक रही पीड़िता

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“मेरी बेटी के पैरों में समस्या थी और उसका इलाज चल रहा था। मेरी मज़बूरी थी कि मैं इसके लिए अब्बास सिद्दीकी पर निर्भर थी, नहीं तो मेरी बेटी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाती। आप 10 वर्ष पहले की ज्योति और अब मुझे देखेंगे तो अंतर साफ़ नजर आएगा। अब्बास ने अब मुझे निशाँ नाम दे दिया है। मुझे प्रशासन ने भरोसा दिया कि मुझे अपनी बच्चियों से मिलवाया जाएगा। बच्चों को CWC के पास भेजा गया, जहाँ उनकी काउंसिलिंग हुई। लेकिन, बच्चों को मुझे नहीं सौंपा गया। जब अब्बा जेल में है और बच्चों के दोनों चाचा नशेड़ी हैं, ऐसे में उन्हें कौन संभालेगा? अब्बास अब तीसरी शादी भी करने जा रहा है। उसके पीछे बहुत सारे लोग हैं, मेरे साथ कोई नहीं है।”

उत्तराखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहाँ एक पढ़ी-लिखी महिला, जिसे कानून, संविधान और आईपीसी-सीआरपीसी का पूरा ज्ञान है, वो भी इस ‘लव जिहाद’ का शिकार हो गईं। अधिवक्ता ज्योति बिश्नोई की शादी 2009 में अब्बास सिद्दीकी से हुई थी।

ज्योति ने बताया कि अब्बास ने शादी के समय उन्हें विश्वास दिलाया था कि वो जैसे चाहें, वैसे रह सकती हैं। इसके बाद वो ज्योति को लेकर पठानकोट चला गया। ज्योति को इस्लामी धर्मांतरण भी नहीं करना पड़ा। ज्योति ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद अब्बास उन पर जामज पढ़ने और इस्लाम के हिसाब से खाने-पीने का दबाव बनाने लगा।

शादी के 1 वर्ष बाद दोनों की बेटी हुई। ज्योति ने बताया कि उसी दौरान उन्हें पता लगा कि अब्बास ने एक और शादी-वो भी हिंदू  लड़की से ही की हुई है, जो उसने उससे छिपाया। इसके बाद ज्योति उसे छोड़ कर मायके आ गई। पीछे से अब्बास के परिवार वाले भी पहुँचे। ज्योति ने बताया कि उन्होंने अब्बास को छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन उसके परिवार वालों ने किसी तरह मान-मनव्वल कर के उन्हें साथ रहने के लिए मना लिया।

बाद में दूसरी बेटी भी हुई। ज्योति ने बताया कि अब्बास और उसके परिवार वालों ने फिर से लड़ाई-झगड़े शुरू कर दिए। उनकी बेटियों पर इस्लाम के हिसाब से रहन-सहन के लिए पाबंदियाँ लगाई जाने लगीं। जब ज्योति ने कहा कि उनकी बेटियाँ पूजा भी करेंगी, तो हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें फेंक दी गईं। ज्योति बताती हैं कि दो बेटियाँ होने के बाद उन्हें इसीलिए प्रताड़ित किया जाने लगा कि बेटा क्यों नहीं हुआ?

ज्योति बिश्नोई ने बताया कि वो अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि अब्बास सिद्दीकी ने उनका हाथ तक तोड़ किया। कभी वो उन्हें लेकर वैष्णो देवी भी गया था, लेकिन अब बच्चियों को भी उसने अपने वश में कर रखा है। ज्योति ने कहा कि अगस्त 2020 में उन्हें घर से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि अब्बास सिद्दीकी जेल में है और उसका पहले से ही आपराधिक इतिहास रहा है।

ज्योति बिश्नोई का पूछना है कि उनकी बच्चियाँ अपने अब्बा से मिलने जेल जा सकती हैं, आखिर क्या कारण है कि वो अपनी माँ से मिलने नहीं आती? उन्होंने कहा कि प्रशासन भी उन्हें ये साबित करने को कहता है कि वो उन बच्चियों की माँ हैं। उन्होंने कहा कि अब्बास उनकी बच्चियों को धमकाता है कि अगर वो उनसे मिलीं तो वो जहर खा लेगा। ज्योति ने कहा कि जब कानून को जानने वाली लड़की के साथ ऐसा हो सकता है, तो सोचिए कि उसका कैसा ब्रेनवॉश हुआ होगा! ज्योति ने बताया:

ज्योति बिश्नोई की मुख्य चिंता इस बात को लेकर है कि उनकी बच्चियों को गलत परवरिश देकर उनके दिमाग में गलत बातें भरी जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चियों को बताया जाता है कि देखो, तुम्हारी माँ कितने लोगों को लेकर आ रही है। उनका चरित्र-हनन भी किया जाता है।

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